UTTARAKHANDI HOLI : उत्तराखंड की होली कुछ हट के होती है यहां रंगों के साथ रागों पर आधारित होली गीतों का अधिक प्रचलन है। यहां होली से महीनों पहले लोग बैठकी होली खेलने लगते हैं जिसमें बसंती रंग लिए गीतों को घर घर गया जाता है। लेकिन अब इसने पहाड़ों से महानगरों में अपना स्थान ले लिया है। दिल्ली एनसीआर में प्रवासी उत्तराखंडियों ने बैठकी होली का रम जमाया हुआ है।
दिल्ली स्थित उत्तराखंड प्रवासियों की वृहद व वरिष्ठ सामाजिक संस्था उत्तराखंड लोकमंच ने दिल्ली के पंचकुईया रोड़ स्थित गढवाल भवन में 4 मार्च शनिवार को भव्य व शानदार होली मिलन समारोह का आयोजन किया, जिसमें उत्तराखंड की गढवाली, कुमाऊंनी व जौनसारी होली गीतों के साथ बैठी होली का आयोजन उत्तराखंड लोकमंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती के नेतृत्व, महासचिव पवन कुमार मैठाणी के मंच संचालन व चारू तिवारी के संयोजन में संपन्न हुआ।
बैठी होली में दिल्ली स्थित उत्तराखंड की विभिन्न स्वयं-सेवी संस्थाओं, कीर्तन मंडलियों व लोक गायकों ने होली के लोक गीत प्रस्तुत कर उपस्थित भारी जन समुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिल्ली में इस तरह का यह अनूठा आयोजन था, जिसमें होली गीतों के साथ-साथ गढवाली कुमाऊंनी व जौनसारी कवियों ने अपनी कवितायें भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम सुबह ग्यारह बजे से शुरू होकर सांय सात बजे तक चलता रहा। कार्यक्रम में उत्तराखंडी खान-पान की विशेष व्यवस्था था। सुबह 11 बजे होली गीतों की शुरुआत भगवती चतुर्वेदी महिला गुप्र ने 'शिव के मन माही बसौ काशी' और 'सिद्ध के विघ्नविनाशिन होली खेलें गिरजापति नंदन' से हुई। इसके बाद रमेश उप्रेती शेखर शर्मा ने झुकि आयो शहर में ब्यौपारी ' सतेंद्र परिंदयाल के 'निजांण-निजांण मेरी बौऊ सुरूली, गीत ने दर्शको झूमने पर मजबूर कर दिया।
दिल्ली पुलिस के ए.सी.पी. पदमेन्दर रावत ने 'मत मारो मोहन पिचकारी' व जौनसारी गायक व शिक्षक खजान चंद शर्मा द्वारा 'ओ साथी ओ साथी चिठ्ठी-पत्री आयी न' लोक गायकचंद्रकाता सुंद्रियाल ' होली खेलन मोहन गिरधारी गीत' ,पत्रकार शंकरदत्त खाती ने 'गोरखिये चेली भागुली हौसियाबाना त्वाले धारौ बोला' लोक गायक भुवन रावत ने 'ऐसो अनाड़ी चुनर गयो फाड़ी,हंस-हंस दे गयो गाली मोहन गिरधारी', गढवाली कुमाऊंनी व जौनसारी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष मनवर सिंह रावत ने होली खेले नंदलाल' गीत प्रस्तुत कर बैठी होली मे शमां बांध दिया। पूरे कार्यक्रम में संगीत सर्वेश्वर बिष्ट व उनके साथियों ने दिया। साथ गढवाली,कुमांउनी व जौनसारी कवियों ने अपनी कविताएं भी प्रस्तुत की। जिसमें प्रमुख रूप से रमेश घिल्डियाल, डॉ पृथ्वी सिंह केदारखंडी, कुंजबिहारी मुंडेपी, दीनदयाल बंदूनी, डॉ. बिहारीलाल जालंधरी, जगमोहन सिंह रावत पजलकार रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में संस्कृत अकादमी दिल्ली सरकार के पूर्व सचिव डॉ श्रीकृष्ण सेमवाल, हिंदी अकादमी दिल्ली सरकार के पूर्व सचिव व साहित्यकार डॉ. हरिसुमन बिष्ट , श्रीमती राजेश्वरी कापरी-उप-शिक्षा निदेशक शिक्षा विभाग दिल्ली, उद्योगपति शशिभूषण नेगी व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ.हरेंद्र असवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिसमें मंगला चरण आचार्य दिनेश व्यास व आचार्य शिवम पोखरियाल ने किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली पुलिस के ए.सी.पी.ललितमोहन नेगी, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट संदीप शर्मा, निगम पार्षद वीर सिंह पवांर, पूर्व एसीपी सतीश शर्मा, निगम पार्षद मधु भारद्वाज, निगम पार्षद तिलोतमा चौधरी, पत्रकार व्योमेश जुगराण, ताराचंद उप्रेती, पूर्व निगम पार्षद गीता रावत, एडवोकेट रोहित डंडरियाल , कुसुम कंडवाल भट्ट सहित उत्तराखंड के गणमान्य व प्रबुद्धजनों ने भारी संख्या में भागीदारी की।
उत्तराखंड लोक मंच के पदाधिकारी , बृजमोहन उप्रेती, पवन मैठाणी, चारू तिवारी, खुशहाल सिंह बिष्ट, पृथ्वी सिंह रावत, वीरेन्द्र सिंह नेगी'विन्नी', आर.पी.चमोली, लक्ष्मी रावत, प्रीती कोटनाला, हरीश ध्यानी, सुनील कपरवाण, प्रभाकर पोखरियाल, शेखर चंद, हिमांशु उपाध्याय का विशेष योगदान रहा।
4 मार्च शनिवार को दिल्ली स्थित प्रवासियों की लब्ध-प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था उत्तराखंड लोक मंच द्वारा लोक मंच के अध्यक्ष श्री बृजमोहन उप्रेती जी के नेतृत्व में गढवाल भवन में संपन्न होली मिलन समारोह में आप सभी की भागीदारी के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद व आभार।
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही की जहां इसमें उत्तराखंड समाज के प्रबुद्धजनों ने भारी संख्या में भाग लिया वहीं हमारे लोक गायकों व हमारे साहित्यकारों ने पूरे दिन कार्यक्रम में अपनी कला का की शानदार प्रस्तुति से जनता को बांधे रखा।
कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड लोकमंच की पूरी टीम कार्यक्रम के संयोजक पहाड़ के सरोकारों से जुड़े हमारे चारू तिवारी जी हमारे तमाम गीतकार व संगीत देने के लिए भाई सर्वेश्वर बिष्ट जी के साथ-साथ अपने पत्रकार बंधुओं का उत्तराखंड लोक मंच बहुत-बहुत धन्यवाद करता है।



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