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गढ़वाल हितैषिणी सभा दिल्ली के कार्यकारिणी चुनाव में आया ट्वीस्ट चुनाव अधिकारी ने दिया इस्तीफा चुनाव प्रक्रिया को किया निरस्त

गढ़वाल हितैषिणी सभा दिल्ली के कार्यकारिणी चुनाव में आया ट्वीस्ट चुनाव अधिकारी ने दिया इस्तीफा चुनाव प्रक्रिया को किया निरस्त

गढ़वाल हितैषिणी सभा चुनाव 2024-2027 : दिल्ली एनसीआर में उत्तराखंड प्रवासियों की सबसे बड़ी संस्था गढ़वाल हितैषिणी सभा के हर तीन साल में कार्यकारिणी के चुनाव होते हैं। इस बार अगले तीन वर्ष (2024-2027) के लिए कार्यकारिणी के चुनाव 12 जनवरी 2025 को होने हैं लेकिन उससे पूर्व ही चुनाव की प्रक्रिया विवादों में घिर गई है।

बता दें कि प्रत्याशियों के नामांकन में मामूली तकनीकी खामियों के आधार पर कुछ प्रत्याशियों के नामांकन खारिज कर दिए गए हैं। जिससे प्रत्याशी खासे नाराज हैं और इस निर्णय पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यही नाराजगी विवाद का कारण बन गई है। चुनाव लड़ रहे दोनों पैनलों में इस प्रकरण पर जबरदस्त खींचतान चल रही है।

इस पूरे प्रकरण से आहत चुनाव अधिकारी ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि 31 दिसंबर 2024  को दोनों पैनलों के प्रत्याशियों द्वारा भरे नामांकन की विसंगतियों को लेकर मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें कोई नतीजा न निकलने पर नामांकन में आयी विसंगतियों को देखकर कुछ प्रत्याशियों के नामांकन रद्द कर दिए गए। इसके बाद दोनों पैनलों के अध्यक्ष और महासचिवों ने इस विषय पर दोबारा से वार्ता करने के लिए मुझे पत्र लिखे। उन पत्रों को संज्ञान में लेते हुए फिर से 2 जनवरी 2025 को गढ़वाल भवन में प्रातः 11.00 बजे सुनवाई हुई जिसकी विडिओग्राफी भी की गई। नामांकन प्रपत्रों में निकली विसंगतियों पर दोनों पैनलों द्वारा कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। जबकि चुनाव अधिकारी द्वारा छोटी बड़ी विसंगतियों की बावत मौखिक रूप से  लीगल सलाह भी ली गई जिसके अनुसार कोई भी छोटी या बड़ी विसंगति हो उसको एक ही माना जाता है। मैं दोनों पैनलों के पदाधिकारियों के किसी भी नतीजे पर न पहुँचने से क्षुब्ध हूँ। इन परिस्थितियों में मेरे द्वारा चुनाव कराना संभव नहीं है। इसलिए मैं पूरी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए आत्मसम्मान से अपने पद से त्यागपत्र देता हूँ।

चुनाव अधिकारी द्वारा इस पूरी प्रक्रिया को समाप्त करने और अपने पद से इस्तीफा देने के बाद सभी सहायक पद भी निरस्त हो जाते हैं। लेकिन इसके बाद इस पूरी प्रक्रिया में एक नया ट्विस्ट आ गया है। सहायक चुनाव अधिकारियों यू.एस. नेगी, देवेन्द्र सिंह रावत और रणवीर बिष्ट, द्वारा अध्यक्ष पद पर पैनल नंबर 2 के उम्मीदवार सूरत सिंह रावत को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। 

वहीं कार्यकारी अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए सोशल मीडिया में एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि चुनाव अधिकारी के इस्तीफे और सुझाव के बाद बहुत जल्द सभी आजीवन सदस्यों की महासमिति की बैठक बुलाई जाएगी और गढ़वाल हितैषिणी सभा के आजीवन सदस्यों के आगे के दिशा निर्देश अंतिम होंगे, समाज और सभा के हित में निर्णय लेने का अधिकार केवल उन्हें ही है, आप सभी कृपया धैर्य रखें, महासमिति के निर्णय का हम सभी को अनुपालन करना होगा। अजय बिष्ट ने कहा  उन्होंने (तीनों सहायक चुनाव अधिकारियों ) ने इस तरह के आदेश पारित करने के लिए अधिकृत नहीं किया है। चुनाव अधिकारी के इस्तीफे के बाद यह उचित नहीं है। आगे की कार्रवाई के लिए आम सभा की बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी, हमें आम सभा के सदस्यों का सम्मान करना चाहिए/उनकी प्रतीक्षा करनी चाहिए और व्यापक हित में विचार करना चाहिए। ऐसे में सभा के सभी सदस्य असमंजस की स्थिति में हैं।   



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