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उत्तराखंड : अंकिता हत्याकांड में भाजपा नेता का नाम सामने आने के बाद पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उनकी पत्नी उर्मिला सनावर के खिलाफ देहरादून और हरिद्वार में प्राथमिकी दर्ज

उत्तराखंड : अंकिता हत्याकांड में भाजपा नेता का नाम सामने आने के बाद पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उनकी पत्नी उर्मिला सनावर के खिलाफ देहरादून और हरिद्वार में प्राथमिकी दर्ज


हरिद्वार : सोशल मीडिया में वायरल ऑडियो-वीडियो में अंकिता हत्याकांड में भाजपा नेता का नाम सामने आने से पार्टी असहज की स्थिति में है। इस मामले के सामने आने के बाद ज्वालापुर से पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उनकी पत्नी उर्मिला सनावर के खिलाफ देहरादून और हरिद्वार में दो प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। हरिद्वार में गौतम शिरोमणि गुरु रविदास शिव महापीठ और संत शिरोमणि गुरु रविदास अखाड़ा भारत से जुड़े पदाधिकारी डॉ.धर्मेंद्र कुमार की ओर से बहादराबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। अपनी शिकायत में उन्होंने  कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार कर महापीठ के अंतरराष्ट्रीय और अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुष्यंत कुमार की सामाजिक व धार्मिक छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि सुरेश राठौर ने रविदास पीठ में अपना बर्चस्व बनाए रखने के लिए दुष्यंत कुमार गौतम से रंजिश के चलते सोशल मीडिया पर जानबूझकर ऐसे ऑडियो-वीडियो प्रसारित किए हैं जिनमें अंकिता भंडारी हत्याकांड को आधार बनाकर गौतम की छवि खराब की जा सके। इससे न केवल उनकी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया, बल्कि रविदासी समाज की भावनाओं को भी आहत किया गया है।

वहीं देहरादून में पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने भी पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर के खिलाफ ऑडियो-वीडियो से छवि खराब करने के आरोप में नेहरू कॉलोनी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। दोनों जगह संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है।

बता दें की इस मामले के सामने आने के बाद पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया था जो उन्होंने सोशल मीडिया में भी डाला था। अपने इस्तीफे में उन्होंने मामले की CBI जांच की मांग की है। 

हरिद्वार पुलिस ने मामले को प्रथम दृष्टया संज्ञेय मानते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 248 बी, 3(5) और 336(4) के तहत मुकदमा दर्ज कर सोशल मीडिया सामग्री के जांच शुरू कर दी है , जिससे ये मामला अब केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं बल्कि धार्मिक प्रतिष्ठा और राजनितिक प्रभाव के टकराव का विषय बन गया है। 

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