नई दिल्ली : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्य समिति के सदस्य करण माहरा ने कहा है कि उत्तराखंड की अस्मिता पर उठने वाले कोई भी हमले को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
करण माहरा शनिवार को दिल्ली के उत्तराखंड सदन में प्रसिद्ध राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड क्रांति दल के नेता स्वर्गीय फील्ड मार्शल दिवाकर भट्ट और भाकपा माले के नेता राजा बहुगुणा की याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे । इस श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता पूर्व मंत्री और कांग्रेस प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने की ।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक किशोर उपाध्याय, प्रसिद्ध पत्रकार दाता राम चमोली, सुरेश नौटियाल, देव सिंह रावत, चारु तिवारी, जगमोहन डांगी ग्रामीण पत्रकार, सत्येंद्र रावत प्रमुख राज्य आंदोलनकारी व कांग्रेस के पूर्व सचिव हरिपाल रावत, दिल्ली चिन्हित आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष मनमोहन शाह, संरक्षक अनिल पंत, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा श्रीमती उमा जोशी, महासचिव पुष्पा घुघतयाल, प्रसिद्ध बुद्धिजीवी डॉक्टर प्रेम बहुखंडी, राज्य आंदोलनकारी व नाटककार खुशाल सिंह बिष्ट , प्रताप थलवाल, करण बुटोला, हरि सिंह राणा, एस पी बलूनी, समेत अनेक लोगों ने संबोधित किया सभी वक्ताओं ने एक स्वर में दिवाकर भट्ट के उत्तराखंड आंदोलन में योगदान को ऐतिहासिक बताया । किशोर उपाध्याय और हरिपाल रावत ने कहा दिवाकर भट्ट ने राज्य आंदोलन को कई मोड़ दिए धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की सौवीं जयंती पर कहा कि वे राज्य आंदोलन के महानायक थे। जिनका 24 दिसंबर को उनके जन्मदिवस के अवसर पर उत्तराखंड सरकार को विशेष स्मरण करना चाहिए था और स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की भांति उनके भी राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए विशिष्ट स्मरण होना चाहिए था परंतु ऐसा नहीं किया गया ।
भाकपा माले के नेता पुरुषोत्तम शर्मा और चारु तिवारी ने सभा को संबोधित करते हुए राजा बहुगुणा के योगदान को अविस्मरणीय बताया और कहा कि उन्होंने अपनी जवानी के बहुत अच्छे दिन उत्तराखंड आंदोलन और गरीब और कमजोर वर्ग की शक्तियों को मजबूती प्रदान करने में लगाए । शाहरुख तिवारी ने अंकित भंडारी के मामले पर हमला बोला और कहा उत्तराखंड में मातृशक्ति का अपमान कभी होने नहीं देंगे। उत्तराखंड क्रांति दल के नेता विनोद रावत ने दिवाकर भट्ट को जुझारू नेता बताया।
श्रद्धांजलि सभा में अंकिता भंडारी कांड में कई राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम आने पर नाराजगी व्यक्त की गई। क्योंकि श्रद्धांजलि सभा में भाजपा कांग्रेस, भाकपा माले उत्तराखंड क्रांति दल और विभिन्न विचारधारा के लोगों के अलावा प्रमुख पत्रकार लेखक साहित्यकार समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे। अंकिता भंडारी का जिक्र करने पर भाजपा के नेता परेशान नजर आए जबकि कांग्रेस के नेताओं और वामपंथी दलों और विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भाजपा नेताओं की भूमिका को निंदनीय बताया और कहा कि बेशक वे श्रद्धांजलि सभा मे आए हैं लेकिन अगर हमारी अस्मिता पर कोई भी राजनीतिक दल चोट पहुंचाएगा तो हमने उत्तराखंड अपनी मातृशक्ति को अपमानित करने के लिए नहीं बनाया है और मातृशक्ति ने इसके लिए कुर्बानियां भी नहीं दी है।
सभा में मौजूद नेताओं ने बाद में पारित एक प्रस्ताव में अंकिता हत्याकांड के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रस्ताव पारित किया और जल्द ही दिल्ली में नए साल 2026 में अंकिता भंडारी के दोषियों को सजा दिलाए जाने की मांग को लेकर एक विशाल जन प्रदर्शन आयोजित किए जाने की बात कही।
धीरेंद्र प्रताप हरिपाल रावत अनिल पंत ने कहा कि उत्तराखंडी अपनी मां बहनों की इज्जत पर डाका डालने वालों को कभी माफ नहीं कर सकते।

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