करंट पोस्ट

8/recent/ticker-posts

6 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट मंदिर के रावल का ऐलान


6 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट मंदिर के रावल का ऐलान 

रुद्रप्रयाग : मंगलवार 1 मार्च 2022 को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर  ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ को आठ क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इस अवसर पर भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए शिवभक्त बड़ी तादाद में पहुंचे हैं। इसी बीच बाबा केदारनाथ के कपाट खोलने का ऐलान भी किया गया। 

प्राप्त सूचना के मुताबिक  प्रातः 11 बजे केदारनाथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग ने  मंदिर समिति के अध्यक्ष, पुजारियों, आचार्य वेदपाठियों, स्थानीय पदाधिकारियों, कर्मचारियों और भक्तों की उपस्थिति में शुभ लग्न व मुहर्त को देखकर भगवान केदारनाथ के पट खोले जाने की तिथि व समय तय किया गया । श्री केदारनाथ धाम के कपाट छह मई 2022 को सुबह 6.25 बजे बृष लग्न में खोले जाएंगे। इसके बाद आराध्य की छह माह की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी। बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से दो मई को अपने धाम केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेगी। 

इसी बीच पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम के लिए डोली प्रस्थान का समय भी तय किया गया। बाबा केदार की डोली अपने स्थान के लिए उखीमठ से 2 मई को प्रस्थान करेगी और गुप्तकाशी, फटा, गौरीकुंड में रात्रि विश्राम करते हुए पांच मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 

बता दें कि पौराणिक परंपरा के अनुसार शीतकालीन पूजा स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में महाशिवरात्रि पर्व के सुअवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि तय करने का नियम  है। इस अवसर पर रावल केदारनाथ की मौजूदगी में आचार्यगणों द्वारा पूजा अर्चना के साथ वेद मन्त्रोचारण किया जाता है। तत्पश्चात आचार्यगणों द्वारा स्थानीय पदाधिकारियों  की उपस्थिति में पंचांग गणना कर  शुभ महूर्त निकाला जाता है। जिसमें पौराणिक परम्पराओं के अनुसार दिन तय करते समय ओंकारेश्वर मंदिर में भैरवनाथ पूजा का दिन व समय, डोली प्रस्थान  का मुहर्त , केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन, मुहूर्त व समय, को गूढ़ता  के साथ पंचाग गणना में देखा जाता है और जिसके बाद संस्कृत भाषा में दिन पट्टा (लग्न पत्रिका) तैयार किया जाता है जिसमें सभी परम्पराओं के दिन, मुहूर्त, समय व तिथि को लिखा जाता है। इसके बाद इन सभी प्रक्रियाओं के बाद दिन पट्टे में लिखी गई जानकारियों को आचार्यगणों द्वारा पढ़कर सभी को जानकारी दी जाती है। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ