गौचर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने जनपद चमोली की प्रवेश सीमा गौचर में बृहस्पति वार को 72वें ऐतिहासिक राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत शुभारंभ किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों एवं फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया।
गौचर मेला अपने ऐतिहासिक व्यापार मेले के रूप में जाना जाता है। गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर 1943 में नवंबर महीने में प्रथम बार गौचर में व्यापारिक मेले का आयोजन शुरू हुआ तथा बाद में धीरे-धीरे इसने औद्योगिक विकास मेले एवं सांस्कृतिक मेले का स्वरूप धारण कर लिया। यह मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण उत्तराखंड व विश्व में प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौचर मेला अन्य मेलों के मुताबिक विशेष महत्व रखता है क्योंकि ये मेला न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोता है बल्कि व्यापारिक गतिविधियों का भी केंद्र है। हमारी सरकार लोकल उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई योजनाएं चला रही है जिसमें महिला सहायता समूहों को विकसित करना, एक जिला दो उत्पाद का शुभारंभ करना और हॉउस ऑफ़ हिमालया ब्रांड जैसी योजनाएं प्रमुख हैं।
मेले के शुभारंभ के अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, उपजिलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय, पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल, एवं पुलिस अधीक्षक चमोली श्री सर्वेश पंवार, मेले से संबंधित सभी विभागों के अधिकारी और सैकड़ों की संख्या में मेलार्थी मौजूद रहे।
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