गुलदार का आतंक : उत्तराखंड में गुलदार और बाघ का आतंक इतना बढ़ चुका है कि पौड़ी गढ़वाल जिला प्रशासन को रिखणीखाल व धूमाकोट तहसील के लगभग 14 गांवों में शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगाना पड़ा है। इसके साथ ही क्षेत्र के स्कूलों और आगनबाड़ी केंद्रों को 17 और 18 अप्रैल को बंद रखने का फैसला लिया गया है। जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में इन गांवों के ग्रामीणों को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक घर से बाहर न निकलने के लिए कहा गया है।
रिखणीखाल क्षेत्र में बीते चार दिनों के अंदर दो बृद्धजनो को गुलदार द्वारा निवाला बनाए जाने से ग्रामीणों में दहशत है। वहीं इन घटनाओ से वन विभाग भी सचेत हुआ है और उसने गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगा दिया है। ड्रोन द्वारा आसपास के क्षेत्रों में निगरानी की जा रही है। ड्रोन के कैमरे में पडियारपाणी गांव में भी एक बाघ की मूवमेंट देखी गई है।
जिला प्रशासन के आदेश के बाद शनिवार को स्कूल बंद कर दिए गए थे। उधर, खंड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार चौधरी ने बताया कि अभी जिला प्रशासन से सोमवार को प्रभावित क्षेत्र के विद्यालयों को बंद रखने के संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलने पर स्कूलों को बंद रखा जाएगा। ग्राम प्रधान खुशेंद्र सिंह ने बताया कि अभी हमलावर बाघ नहीं पकड़ा गया है और बाघ की मूवमेंट गांव के आसपास लगातार बनी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से गांव के रास्तों में प्रकाश की व्यवस्था करने के लिए 10 स्ट्रीट लाइटें लगा दी गई है। बाकी प्रभावित गांवों तक भी स्ट्रीट लाइटों को पहुँचाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
बाघ की सक्रियता को देखते हुए जिला प्रशासन से राप्रावि डल्ला, जुई, दियोढ, गाड़ियोंपुल, मेलधार, रजबो, द्वारी पैनों, छड़ियान, नावे तल्ली, चिलाउ एवं राउप्रावि मेलधार, सिलगांव और राजकीय हाईस्कूल गाड़ियोंपुल, जीआईसी पैनों, राप्रावि कांडा राजकीय हाईस्कूल कांडा, राप्रावि कोटड़ी, राजकीय कन्या हाईस्कूल कोटड़ी को सोमवार को भी बंद रखने की मांग की गई है।

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