भाई योगी आदित्यनाथ की विजय की कामना की खातिर बहन
शशि नीलकंठ महादेव की शरण में
ऋषिकेश : उत्तराखंड विधान सभा के चुनावों पर उत्तराखंड की नज़र भी है क्योंकि उत्तराखंड का सपूत यहां अपने देव संस्कारों के साथ जनता के बीच सुसाशन की कमान संभाले हुए है ऐसे में उसके परिवार वाले भी उनकी सलामती और विजय की कामना कर रहे है। लेकिन वे अपने सरल स्वभाव के कारण लोगों में इसका दम नहीं भरते कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री से उनका खून का रिश्ता है। बात करें आदित्यनाथ योगी की बहन शशि की जो नीलकंठ के पास एक छोटी सी दुकान चलाती है और अक्सर वहां खरीदारी के लिए आये ग्राहकों से बातचीत के दौरान जब उन्हें पता चलता है कि यह ग्राहक उत्तर प्रदेश से है तो वह यह पूछना नहीं भूलतीं कि वहां किसकी सरकार बनने वाली है। इस बारे में उनका कहना है कि बेशक ‘योगी जी संन्यासी हैं, लेकिन मैं तो बहन हूं और दिल में भाई का जो स्थान पहले था वो आज भी कायम है । ये मेरा सौभाग्य भी है और धर्म भी कि एक बहन होने के नाते मैं भाई की सलामती और जीत की कामना करूँ यही कारण है कि मैं रोज नीलकंठ महादेव से उनकी विजय के लिए प्रार्थना करती हूं। श्रीमती शशि के पति पूरण सिंह पयाल कहते हैं कि हम उनके लोकहित के कार्यों के साथ हैं और कामना करते हैं कि वो विजयी होकर जनता में एक मिसाल कायम करें लेकिन हम सबका यही प्रयास रहता है कि हमारे कारण कभी भी योगी जी के सम्मान को ठेस न पहुंचे।
ऋषिकेश से 36 किलोमीटर दूर नीलकंठ महादेव मंदिर में स्थित प्रसाद की दुकानों में एक दुकान शशि पयाल की भी है। लेकिन बहुत कम लोग इस बात से अवगत हैं कि वो देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सगी बहन है। इन चुनावों में हर सख्श की तरह वो भी योगी जी की विजय की कामना के लिए नित्य ही नीलकंठ महादेव से प्रार्थना करती है। उनका कहना है कि वो फिर से भाई को मुख्यमंत्री देखना चाहती है जो मेरा सपना भी है। वो ये भी कहती है कि मेरी उनसे आखिरी बार वर्ष 2017 में मुलाकात हुई थी जब वह चुनाव प्रचार के दौरान ऋषिकेश, रायवाला और यमकेश्वर आए थे और इस समय वे कुछ देर के लिए अपने गांव पंचूर भी गए थे तब परिवार के सभी लोगों ने कुछ समय उनके साथ व्यतीत किया था।
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