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युगों-युगों में सुणी हमुले, गिदयारों का मुखा, सुनपति शौक की चैली छू मी, नाम छू राजुला-गढ़वाली कुमाउनी जौनसारी अकादमी दिल्ली सरकार के मस्ती की पाठशाला के अंतर्गत उत्तराखंड की लोक गाथा राजूला मालूशाही का नाट्य मंचन

 

मस्ती की पाठशाला दिल्ली सरकार

GARHWALI KUMAUNI JAUNSARI ACADEMY : दिल्ली सरकार के अंतर्गत इन दिनों ग्रीष्मकालीन कार्यशाला के रूप में दिल्ली के विभिन्न स्थानों में बच्चों की मस्ती की पाठशालाऐं चलाई जा रही हैं। इन्हीं कार्यशालाओं में एक दिल्ली के करावल नगर शाखा में उत्तराखंड की चर्चित लोकगाथा राजुला मालूशाही की प्रेमकथा पर आधारित नाटक की तैयारी सुप्रसिद्ध लेखिका व कवियत्री मीना पाण्डेय के निर्देशन में तथा सहायक निर्देशक के रूप में संस्कृतिकर्मी भुवन गोस्वामी द्वारा किया जा रहा है, जिसका नाट्य मंचन दिल्ली में ही 22 जून 2023 को किया जायेगा।


कुमाउनी बोली-भाषा में प्रदर्शित होने वाले इस नाट्य मंचन की एक विशेष बात यह है, इसमें घुघुति के रूप में बाल कलाकार सृजन पाण्डेय के अलावा अन्य सभी कलाकार उत्तराखंड मूल से बाहर के कलाकार हैं।

राजुला, मालुशाही, सुनपति शौक इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण किरदारों के अभिनय को कुमाउनी बोली-भाषा में करने के साथ-साथ उत्तराखंड के लोकनृत्य को जिस तरह से स्थानीय बाल कलाकारों द्वारा किया जा रहा है वह अपने आप में काबिले तारीफ है।

सभी बाल कलाकार इस नाट्य मंचन में दिये जा रहे अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए विशेष बधाई के पात्र हैं व हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

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