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बेतालघाट क्षेत्र के प्रसिद्ध समाजसेवी सुरेंद्र हालसी करेंगे फिल्म निर्माण नकुवा बुबू पर बनेगी डॉक्यूमेंट्री फिल्म

 

Surendra Halsi

अल्मोड़ा : बेतालघाट क्षेत्र में क्षेत्रपाल के  रूप में विख्यात और प्रसिद्धि प्राप्त नकुवा बुबू पर जल्दी ही फिल्म बनने जा रही है। इसका जिम्मा लिया है बेतालघाट क्षेत्र के ही ग्राम लेधरा निवासी सुरेंद्र हालसी ने। हालसी पिछले दो दशक से अधिक समय से समाजसेवा करते आ रहे है और वर्तमान में दिल्ली और पहाड़ में एक एनजीओ के माध्यम से समाजसेवा में सक्रिय हैं। इस फिल्म का निर्माण भी उनका एनजीओ 'धुरी फाऊंडेशन' करेगा। 

बतौर हालसी, उनका काफी वर्षो से यह संकल्प था कि वे नकुवा बूबु पर फिल्म निर्माण कराएंगे। वे इस कार्य को आज धरातल पर लाने में भी नकुवा बुबू का ही आशीर्वाद मानते हैं। 

उनका कहना है कि नकुवा बुबू को हमें शिवजी के मुख्य गण भैरव के रूप में स्थापित कर क्षेत्र में प्रसिद्धि देनी है। नकुवा बुबू हर किसी का उद्धार करते हैं, बिगड़े काम बनाते हैं, इसलिए वो चाहते हैं कि सभी परेशान भक्त भी उनके दरबार में पहुंचे। उन्होंने बताया कि अभी तक कई लोगो को उनके बारे में पता नही है। अगर फिल्म निर्माण होगा तो लाखो लोगो को नकुवा बुबू के बारे में पता चलेगा। क्षेत्र में लोगो की आवाजाही से व्यापार के भी रास्ते खुलेंगे। हालसी मानते हैं कि नकुवा बूबु के मध्यम से ही सही उनके क्षेत्र का भी नाम होगा, और हो भी रहा है। 

सुरेंद्र हालसी ने बेतालघाट स्टेडियम में वर्ष 2019 में तीन दिवसीय भव्य मेला बेतलाघाट महोत्सव आयोजन किया था। वह मेला भी नकुवा बूबु को आधार मानकर आयोजित किया गया था। विगत वर्षो में करोना की वजह से यह आयोजन नही हो पाया लेकिन इस वर्ष अप्रैल माह में फिर से वे बेतालघाट महोत्सव का आयोजन करेंगे।

बेतालघाट के बेताल नकुवा बूबू के नाम से जाने जाते हैं।  प्रत्येक क्षेत्र के एक क्षेत्रदेवता अथवा क्षेत्रपाल  होते हैं, बेतालघाट के नकुवा बूबू भी यहां क्षेत्रपाल के रूप में  पूजनीय हैं तथा भगवान शिव के गणों के मुखिया माने जाते हैं। इसके पीछे शिवमहापुराण के अन्तर्गत रूद्रसंहिता में नकुवा बूबू को मां पार्वती द्वारा शापित बताया गया है । पौराणिक आख्यान के अनुसार जब नारद मुनि पृथ्वी लोक का भ्रमण कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि भूत-पिशाच तथा आसुरी शक्तियां मृत्युलोक के वासियों को आतंकित व त्रस्त कर रही हैं, उन्होंने इन आसुरी शक्तियों से मृत्युलोक के लोगों की रक्षा हेतु भगवान शिव की शरण ली और उनसे  मृत्युलोक के लोगों की इन नकारात्मक शक्तियों से रक्षा की प्रार्थना की । भगवान शिव ने नारद की बात सुनकर एक लीला रची और कुछ दिनों के लिए मां पार्वती के साथ अज्ञातवास में जाने का निर्णय लिया तथा अपने प्रमुख गण भैरव को द्वारपाल बनाकर हुक्म दिया कि अज्ञातवास के दौरान कोई भी उनके पास न आने दिया जाय, चाहे वे ब्रह्मा अथवा विष्णु ही क्यों न हों । द्वारपाल ने भी बड़ी निष्ठा से अपने कर्तव्य का पालन किया।

इस फिल्म का निर्देशन सुप्रसिद्ध निर्देशक मनोज चंदोला जी करेंगे। सनद रहे मनोज चंदोला सुप्रसिद्ध फिल्म "राजुला " सहित कई फिल्म और डॉक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके है।

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