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भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर "अटल कर्मवीर सम्मान" समारोह और आत्मनिर्भर होता भारत विषय पर विचार गोष्ठी


 


ATAL KARMVEER SAMMAN 2022 : भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष में  शुक्रवार 23 दिसंबर को रफ़ी मार्ग पर कॉन्स्टिटूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हाल में अमर संदेश समाचार पत्र द्वारा आत्म निर्भर होता भारत विषय पर विचार गोष्ठी व अटल कर्मवीर सम्मान-2022 का भव्य आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड व सांसद पौडी गढ़वाल तीरथ सिंह रावत तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व उत्तराखंड राज्य सरकार दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पूरन चंद्र नैनवाल, उद्योग जगत से जुडे टी सी उप्रेती व सुरेश पांडे, गढ़वाल हितैषणी सभा व राष्ट्रीय वअंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सांस्कृतिक संस्था पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली अध्यक्ष क्रमश: अजय सिंह बिष्ट व चंद्र मोहन पपनैं, डीपीएमआई चेयरमैन डाॅ विनोद बछेती तथा महेश चंद्रा सेवानिर्वत वाणिज्य महानिदेशक भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति रही वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व ब्राह्मण संगठन के अध्यक्ष समाजसेवी व उद्यमी के सी पांडे ने की।  


आयोजन का शुभारंभ गणमान्य अतिथियो द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर व लोकगायिका मधु बेरिया साह तथा किरन लखेडा द्वारा कुमांउनी व गढ़वाली बोली-भाषा में मंगलगान से हुआ। तत्पश्चात आयोजक अमर संदेश समाचार पत्र के मुख्य संपादक अमर चंद व निम्मी ठाकुर द्वारा मंचासीन मुख्य व विशिष्ट अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन शाल ओढाकर, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर किया साथ ही सभी को   अटल कर्मवीर सम्मान से सम्मानित किया गया।

प्रबुद्धजनों से खचाखच भरे सभागार को मंचासीन अतिथियों के साथ-साथ अन्य वक्ताओ मे अमित आर्या, कुमकुम झा, देवसिंह रावत, डाॅ सत्येन्द्र प्रयासी, धनंजय, सुजीत ठाकुर, मोहित झा इत्यादि ने आत्मनिर्भर होता भारत विषय पर अपने विचार रखे और स्व.अटल बिहारी वाजपेयी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर सारगर्भित प्रकाश डाला। सभी वक्ताओं ने कहा कि अटल जी का योगदान एक राजनेता के साथ-साथ प्रधानमंत्री के नाते, बहुत बड़ा रहा है। जिस चीज की उन्हे सराहना करनी होती थी मुक्त कंठ से सराहना किया करते थे। वे अपनी कविताओं के माध्यम से अपनी बातों को बेबाक रखते थे।

वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया कि आत्मनिर्भर बनने की ठान ही ली है, तो स्वयं की कार्ययोजना बना कर, आत्मनिर्भर बना जा सकता है। उनके द्वारा कहा गया कि लोग जाती धर्म व राजनीती के नाम पर बिखरे हुए हैं जिसके कारण वे आपस में जुड़ नहीं पाते इस पर विचार करने के आवश्यकता है। हम सबको एकजुट होकर अपने साधनों को जोड़ना होगा इसके लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की जरुरत है।


वक्ताओं द्वारा कहा गया कि महिलाओ के सशक्तिकरण पर ध्यान देकर ही भारत आत्मनिर्भर हो पायेगा। आज इस बात पर मंथन करने की आवश्यकता है कि क्या वैचारिक रूप से भारत आत्म निर्भर है?


वहीं राष्ट्रभाषा पर कहा गया कि भाषा के मामले मे आज भी हम गुलाम हैं। अटल जी ने भाषा आंदोलन में भाग लिया था। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हिंदी में बोलकर भारत का मान बढ़ाने का काम किया। अटल जी ने ही उत्तराखंड आंदोलन को साकार किया था। अटल जी आत्मनिर्भर भारत बनाने की राह पर चले थे हमें उनके उस मार्ग पर चलकर भारत को आगे ले जाना होगा। पत्रकारो व लघु व मध्यम अखबारों, पत्र पत्रिकाओ व इलैट्रोनिक मीडिया की दुर्दशा, उनके हास व महत्व पर वक्ताओ द्वारा प्रकाश डाला गया। कैसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया जा सकता है उक्त तथ्यों पर वक्ताओ द्वारा ज्ञानवर्धक विचार व्यक्त किए गए।


मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व पौडी सांसद तीरथ सिंह रावत ने अपने  संबोधन में कहा कि संसद में मात्र दो सांसदो की संख्या पर सिमट जाने के बाद अटल जी सबसे पहले उत्तराखंड  दौरे पर आऐ थे। आज उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत से संसद में बैठी है। अटल जी कहते थे राष्ट्र पहले है, नेता बाद मे। यह भाव लेकर अटल जी के नेतृत्व मे जनजागरण हुआ था। उन्होंने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व बहुत ही सरल व साधारण था वो विपक्ष के नेता होते हुए भी थ्रीटायर मे रेल सफर किया करते थे। चाहते तो एसी रेल कोच मे सफर कर सकते थे। आज अनुकूल वातावरण है तो अटल जी का इसमे बड़ा योगदान रहा है। अटल जी के संघर्ष के बल ही पार्टी आज यहां तक पहुच पाई है। आज मोदी जी उसी संघर्षशील पार्टी का नेतृत्व कर देश व देश के जनमानस को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। आज उत्तराखंड के जन सब जगह छाए हुए हैं। जी20 की अध्यक्षता भारत मोदी जी के नेतृत्व मे कर रहा है, जो गौरव की बात है। उत्तराखंड को भी जी20 के दो कार्यक्रम मिलना गौरव की बात है।


अटल जी कविताओं के माध्यम से बहुत सी अनकही बातें कह जाते थे जो लोगों के मनो को खूब भाता था। आज सम्मान समारोह के इस अवसर पर मंच से स्व.अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित कुछ स्वरचित, गूढ़ व प्रभावशाली कविताओं का पाठ भी वक्ताओ द्वारा बखूबी किया गया।
अटल जी की जन्म तिथि पर जनसमाज के विभिन्न क्षेत्रों मे उत्कृष्ठ कार्य करने वाले व कोरोना महामारी मे अभाव ग्रस्तो को आर्थिक व जान की परवाह न कर लोगों की मदद करने वाले कर्मवीरो को समाज सेवा के क्षेत्र मे अग्रणी दिनेश अलावादी स्थापक(बालाजी मंदिर कोटद्वार), रमा उप्रेती समाजसेविका, अमित आर्य (मुख्य मीडिया सलाहकार मुख्यमंत्री हरियाणा), मदन मोहन सती ,(मीडिया सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तराखंड)रमेश चंद, नरेश घिल्डियाल, आशा बिष्ट गुसाई, रोशनी चमोली, भूपेंद्र रावत, हरदा उत्तरांचली, लखपत सिंह नेगी, देवेंद्र सजवान, अनिल कांत, प्रताप थलवाल, रमेश सुंद्रियाल तथा पूजा ढोंडियाल शर्मा (बुजुर्ग सेवा), बबीता नेगी (संस्थापक एवं अध्यक्ष जन कल्याणी संस्था)। लेखन साहित्य तथा पत्रकारिता के क्षेत्र मे कुमकुम झा, जगमोहन डांगी, सुनील नेगी, कुशाल जीना, डॉ बिहारीलाल जलन्धरी, दीप कुमार, दीप शर्मा (संपादक आंचल पत्रिका)। लोकगायन के क्षेत्र मे मोनी झा, जगदीश बकरोला, मधु बेरिया साह। फिल्म अभिनय, निर्माण व निर्देशन के क्षेत्र मे गीता उनियाल, राजेश मालगुडी, देव रौतेला, वृजमोहन वेदवाल, महेश प्रकाश, राकेश गौड़ के साथ-साथ डॉक्टर सत्येंद्र सिंह (योग गुरु), कमल किशोर भट्ट (गौ रक्षक) तथा गोपाल उप्रेती (उत्तराखंड बागवानी विशेषज्ञ) इत्यादि को मुख्य व विशिष्ठ अतिथियों के द्वारा अटल कर्मवीर सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया।

अंत में अमरचंद जी ने समारोह में आए सभी अतिथियों  व् सहयोगियों का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया और आशा जताई की भविष्य में भी उनका सहयोग इसी भांति मिलता रहेगा।      

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