देहरादून : राजधानी में पिटबुल व रॉटविलर जैसे खतरनाक नस्ल के कुत्तों के लगातार हो रहे आक्रामक हमलों के बाद देहरादून नगर निगम ने कुत्तों को पालने संबंधी नई उपविधि तैयार की है। श्वान लाइसेंस उपविधि 2025 के नाम से यह नियमावली सोमवार से प्रारंभिक रूप से जारी कर दी गई है। अब एक महीने तक दावे और आपत्तियां मांगी गई हैं, जिसके बाद इसे लागू किया जाएगा।
इस निति के अनुसार अनुसार यदि पालतू कुत्ते ने किसी व्यक्ति को काटा या आक्रामक हमला किया तो उसके मालिक के विरुद्ध नगर निगम प्राथमिकी दर्ज कराएगा। साथ ही कुत्ता भी जब्त किया जा सकता है। अब आक्रामक नस्लों के कुत्तों के पंजीकरण के लिए 2000 रुपये वार्षिक शुल्क निर्धारित किया गया है।
पंजीकरण से पूर्व उनका बधियाकरण और एंटी रैबीज टीकाकरण आवश्यक होगा। जबकि लावारिस कुत्तों को गोद लेने पर पंजीकरण शुल्क माफ किया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर कुत्ते को बिना पट्टे के छोड़ने, , खुले में मल त्याग कराने और रात को भौंकने के मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बार-बार शिकायत आने पर मुकदमा दर्ज कराने का प्रावधान शामिल है।
अमर उजाला की पहल के बाद पार्षदों ने इस मुद्दे को नगर निगम की बोर्ड बैठक में उठाया था। इसके बाद नगर आयुक्त नमामी बंसल ने इस समस्या पर एक विस्तृत और कठोर उपविधि बनाने के निर्देश दिए थे। इस उपविधि के तहत जिन कुत्तों की आयु 3 महीने या फिर इससे ज्यादा है, उन सभी का पंजीकरण कराना जरुरी होगा। यह पंजीकरण एक वर्ष के लिए वैध रहेगा। पंजीकरण के समय पशु चिकित्सक द्वारा जारी एंटी रेबीज टीकाकरण प्रमाणपत्र और आक्रामक नस्लों के कुत्तों के लिए बन्ध्याकरण का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
पालक के द्वारा कुत्ते को खुले में छोड़ने पर भी जुर्माना लगेगा। पांच या इससे अधिक कुत्ते पालने पर प्राइवेट श्वान पशु शेल्टर की श्रेणी में माना जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड से प्राइवेट श्वान पशु शेल्टर की अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही आस-पास के घरों से एनओसी लेनी होगी।
नए नियम के अनुसार कुत्तों का पंजीकरण दो वर्गों घरेलू नॉन ब्रीडिंग और ब्रीडिंग श्रेणी में होगा। घरेलू श्रेणी के पंजीकरण के लिए 500 रुपये प्रति कुत्ता और पिटबुल, रॉटविलर, डोगो अर्जेटीनो, अमेरिकन बुलडॉग जैसे आक्रामक नस्लों के कुत्तों के लिए पंजीकरण शुल्क 2000 रुपये होगा। इनकी आयु एक वर्ष पूरी होने के बाद उनका एबीसी सर्जरी प्रमाणपत्र लाना होगा। इसके साथ ही एंटी रेबीज वैक्सीन का टीकाकरण का प्रमाणपत्र भी लाना होगा। विदेशी नस्ल के आक्रामक कुत्तों की ब्रीडिंग पर शहर में पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
कुत्ते के रात को बार-बार भौंकने पर भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पहली शिकायत पर नोटिस जारी किया जाएगा। दोबारा शिकायत आने पर संबंधित के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में कुत्ता स्वामी द्वारा कुत्ते को मजल पहनाना होगा।
नगर आयुक्त नमामी बंसल ने कहा कि दून में खूंखार कुत्तों के काटने की कई घटनाएं आने के बाद नगर निगम ने नियमावली बनाने पर गंभीरता से काम किया है। श्वान लाइसेंस उपविधि 2025 तैयार कर ली गई है। इसमें सख्त प्रावधान किए गए हैं। घर से बाहर ले जाने पर चैन और मजल पहनाना अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण शुल्क भी तय किया गया है। - ,
0 टिप्पणियाँ