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दिल्ली के छावला गैंग रेप मर्डर केस में अनामिका के हत्यारों की रिहाई के खिलाफ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मौजूदगी में सामाजिक संगठनों ने निकाला कैंडल मार्च

छावला गैंग रेप केस :दस साल पूर्व दिल्ली के छावला इलाके में देश की बेटी अनामिका के साथ हुई बर्बरता के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिहा करने से आहत राजधानी दिल्ली के कई सामाजिक संगठनों ने गंगोत्री सामाजिक संस्था की अगुवाई में और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड हरीश रावत की मौजूदगी में गढ़वाल भवन से वीर चंद्रसिंह गढ़वाली चौक तक कैंडल मार्च निकाला। लोगों में इस फैसले के खिलाफ काफी आक्रोश दिखाई दिया। इस दौरान किरण नेगी के हत्यारों को फांसी दो के नारे गूंजे। लोगों की आंखें नम थी, तो चेहरे पर गुस्सा भी साफ झलक रहा था।

मार्च में शामिल पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, परंतु हमें यह तो पता करना ही होगा कि बेटी के साथ जघन्य अपराध और हत्या के दोषी कौन हैं । साथ ही उन्होंने कोर्ट से भी इस मामले में हत्यारों को कैसे सजा मिले यह सुनिश्चित करने की अपील भी की।

गंगोत्री संस्था की अगुवाई में गढ़वाल हितैषिणी सभा, पर्वतीय कांग्रेस, उत्तराखंड महासभा और नैनीडांडा विकास संगठन सहित समाज के प्रत्येक वर्ग के लोग अनामिका को श्रद्धांजलि देने के लिए इस कैंडल मार्च में शामिल हुए। सभी एक स्वर में बेटी के हत्यारे दरिंदों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट से पुनर्विचार करने की मांग कर रहे थे। 

कैंडल मार्च में कांग्रेस पार्टी के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, गंगोत्री संस्था के अध्यक्ष गंभीर सिंह नेगी, राम नारायण सिंह नेगी, पर्वतीय सेल के अध्यक्ष गोपाल रावत, गढ़वाल हितैषी सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट, राज्य आंदोलनकारी अनिल पंत, प्रेमा धोनी, हीरो बिष्ट, लक्ष्मी ध्यानी, अनुषा देवरानी, शशि नेगी, किरण लखेड़ा, राधेश्याम ध्यानी, किशोर रावत, उत्तराखंड जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष सुनील नेगी समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।

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बता दें की 2012 में छावला की अनामिका के साथ ऑफिस से वापिस आते समय दरिंदों ने उसका अपहरण कर बलात्कार कर निर्ममता के साथ हत्या कर दी थी। इस मामले में निचली अदालत और हाई कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इन अदालतों का फैसला पलट कर दरिंदों को बाइज्जत बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से न केवल अनामिका का परिवार बल्कि पूरे देश के लोग खासकर महिलाएं बहुत ही आहत हैं और वो किसी भी कीमत पर इन दरिंदों को सजा दिलाना चाहते हैं। 

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