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ग्रेटर नोएडा में उत्तराखंड समाज का धरना प्रदर्शन कहा अंकिता भंडारी हत्याकांड की हो CBI जांच



ग्रेटर नोएडा : विगत 18 सितंबर को उत्तराखंड के ऋषिकेश क्षेत्र में पौड़ी की अंकिता भंडारी की निर्मम हत्या कर दी गई थी लेकिन अभी तक अंकिता व उसके परिजनों को न्याय का इंतजार है । अंकिता के पिता व सामाजिक लोग लगातार CBI जांच की मांग कर रहे है। परन्तु अभी तक न तो यह केस CBI को सौंपा गया है और नहीं इस केस में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT ने उस वीआईपी के नाम का खुलासा किया है, जिसको एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए अंकिता पर दबाव डाला जा रहा था। इस केस में हो रही लापरवाही और देरी से उत्तराखंड से लेकर दिल्ली एनसीआर तक लोगों में आक्रोश है और वे लगातार अंकिता को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में आज रविवार को ग्रेटर नोएडा की सामाजिक संस्था उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति की अगुवाई में नोएडा स्थित रामपुर गोलचक्कर पर शांति पूर्ण धरना प्रदर्शन किया गया जिसमें अंकिता भंडारी हत्याकांड की CBI जांच तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की गई।

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धरने में मजौद प्रवासी उत्तराखंडियों ने उत्तराखंड की बेटी स्वर्गीय अंकिता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सभी एक स्वर में उत्तराखंड सरकार से अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष जेपीएस रावत ने कहा कि 19 साल की मासूम बेटी की जिस तरह से रसूकदार लोगों द्वारा हत्या की गयी, और एसआईटी जाँच में अब तक उस वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है, उसको देख कर लगता है कि इस हत्याकांड के असली मुजरिम को बचाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए हमारी उत्तराखंड सरकार से मांग है कि इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए तथा इस केस को फ़ास्ट ट्रैक को सौंपा जाये। ताकि उस बेटी और उसके परिजनों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। वहीँ समिति के उपाध्यक्ष डीएस नेगी ने कहा कि इस घटना को करीब ढेढ़ महीना हो चुका है। लेकिन अभी तक जिस तरह से जांच चल रही है उसे देखते हुए लगता है कि एसआईटी पर कहीं न कहीं दबाव है। इसलिए हम मांग करते है कि इस केस को केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई को सौपा जाये। ताकि हत्याकांड की असली वजह और असली गुनाहगार सामने आ सके। 

क्या था अंकिता भंडारी हत्याकांड का मामला 

बता दें कि पौड़ी जिले श्रीकोट की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी। अंकिता की इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त को नौकरी लगी थी। परन्तु 20 दिन बाद ही बीती 18 सितंबर को वह रिसोर्ट से रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। परन्तु जब 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। तो जागो उत्तराखंड के पत्रकार आशुतोष नेगी द्वारा इस मामले को जोरशोर से उठाने और डीएम से इस मामले की शिकायत करने के बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।

जिसके बाद पुलिस जांच में इस मामले में वनंतरा रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई। रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता नहीं थी। इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की।

आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया। आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में पुलिस ने पूर्व भाजपा नेता व पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

यह बात भी सामने आई थी कि 18 सितंबर को मर्डर के दिन पुलकित आर्य और अंकित गुप्ता ने भंडारी से मारपीट की थी। अंकिता ने मदद के लिए चिल्ला रही थी। पुलकित और अंकित वीआईपी मेहमान को सेवा देने के लिए उस पर दबाव बना रहे थे। हालाँकि अंकिता उनके दबाव में नहीं आई और उसने आरोपियों के रिसोर्ट का भांडा फोड़ने की धमकीe दी थी। जिसके बाद आरोपियों ने अंकिता को नदी में फेंककर उसकी की हत्या कर दी थी, हालाँकि एसआईटी अभी तक उस वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं कर पाई है जिसको एक्स्ट्रा या स्पेशल सर्विस देने के लिए अंकिता पर पुलकित आर्य द्वारा दबाव बनाया जा रहा था। इसी को लेकर लोग एसआईटी जाँच पर सवाल खड़े कर रहे हैं और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

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