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भूकानून की मांग को लेकर मूल निवासी मूल पहाड़ी हो रहे हैं एकजुट

Bhukanun

भूकानून की मांग को लेकर मूल-पहाड़ी मूल-निवासी हो रहे हैं  एकजुट

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में भूमाफियों द्वारा बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए प्रदेश में  भूकानून और मूलनिवास के मुद्दे का स्वर तीव्र होता जा रहा है। मूल पहाड़ी-मूल निवासी इसके लिए अब हर सीमा तक जाने के लिए एक जुट हो रहे हैं।

सख्त भूकानून को लेकर उत्तराखंड की तमाम सामाजिक संस्थाएं अपनी आवाज उठाये हुए है और पिछले छह महीने से दिल्ली से लेकर देहरादून तक लगातार आंदोलन कर सरकार पर दवाब बनाए हुए है। चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर विचार करने की बात कही थी किंतु उनकी और से अभी तक इस कानून को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसी के चलते  कल एक युवा अन्दोलन्कारी सुरेंद्र रावत देहरादून के पटेल नगर में  BSNL TOWER पर चढ़ गया और उसने मांग रखी कि जब तक भूकानून की माँग पर कोई ठोस आश्वासन सरकार की तरफ से नहीं मिल जाता वो निचे नहीं उतरेगा । इस बात का पता चलते ही पहाड़ी नेता उमेश खण्डूड़ी ने इसकी सुचना तुरंत पुलिस को दी और सुरेंद्र रावत से नीचे उतरने का निवेदन किया। देखते ही देखते यह खबर आग की तरह  पूरे शहर मे फैल गई और एस पी सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ, थाना प्रमुख, फायर ब्रिगेड इत्यादि मौके पर पहुँच गए और सुरेंद्र रावत को नीचे उतारने का प्रयास करने लगे। लेकिन उनकी टावर पर चढ़े रावत की  एक ही मांग थी कि भूकानून को आगामी सत्र में सदन मे रखा जाए।

सख्त भूकानून को लेकर आंदोलनरत नेता उमेश खण्डूड़ी ने कहा कि बेशक सुरेंद्र रावत का ये तरीका गलत हो सकता है किंतु सशक्त भूकानून की उनकी माँग उचित है।  पहाड़ों को यदि अतिक्रमण से बचाना है तो उत्तराखंड सरकार को अब इसे लाना ही होगा। 

प्रसाशन को उन्हें नीचे उत्तारने के लिए काफी मशकत करनी पड़ी। प्रसाशन द्वारा  मुख्यमंत्री से मुलाकात का आश्वासन मिल जाने के बाद ही सुरेंद्र रावत टावर से नीचे उतरे।  सशक्त भूकानून के लिए जिस तरह युवा एक जुट हो रहा है उसे देखते हुए वर्तमान सरकार के हाथ पांव फूले हुए है इसीलिए कल मुख्यमंत्री को भी कहना पड़ा कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर आंदोलनकारियों से बात कर उचित निर्णय लेंगे। 


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