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पौड़ी के सुंदरखाल के ग्रामवासियों ने किया विधानसभा चुनावों का पूर्ण बहिष्कार जाने क्या हैं उनके बहिष्कार के कारण


पौड़ी के सुंदरखाल के ग्रामवासियों ने किया विधानसभा चुनावों का पूर्ण बहिष्कार जाने क्या हैं उनके बहिष्कार के कारण


रिपोर्ट : अशोक जोशी/दिव्य पहाड़

पौड़ी: आज  31 जनवरी 2022 को पौड़ी गढ़वाल से 85 किलोमीटर दूर वि० ख० बीरोंखाल के सबसे दूरस्थ गाँव सुन्दरखाल के ग्रामवासियों द्वारा गांव में मूलभूत सुविधाएं तक न मिलने से आगामी विधानसभा चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया गया है । उन्होंने कहा कि हमारे बहिष्कार के अन्य अनेकों कारण हैं ।

क्या है बहिष्कार के कारण

1-विदित हो कि ग्राम सभा द्वारा वर्षों से अपना वि० ख० 85 किलोमीटर दूर से गाँव के मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर वि० ख० पोखड़ा में परिसीमन हेतु शासन प्रशासन को गुहार लगाते - लगाते कुछ लोग तो दमतोड़ गए, कुछ लोगों की उम्र अब कहीं दौड़ भाग करने लायक नहीं रहे परन्तु शासन प्रशासन में किसी के कान में जूं तक नहीं रेकी । इसलिए युवा पीड़ी द्वारा ग्रामवासियों में जागरूकता पैदा कर आज पूरे गाँव नें यह निर्णय लिया है ।

2-विदित हो कि ग्रामवासी अपनी 70 किलोमीटर दूर तहसील को स्यूंसी से गाँव के 20 किलोमीटर की दूरी पर चौबटाखाल में परिसीमन हेतु भी शासन प्रशासन के चक्कर काटते- थक चुके हैं, परन्तु कोई भी आधिकारी ग्रामवासियों पीड़ा समझने को तैयार नहीं । इसलिए आक्रोशित होकर इस प्रकार अपना विरोध जताया । 

3-विदित हो कि ग्राम सभा को सटे हुए राजस्व क्षेत्र से अलग कर दूरस्थ राजस्व क्षेत्र में रखा गया है जिसका ग्रामवासियों नें आज इस प्रकार विरोध किया । 

4-विदित हो कि गाँव में स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगारी जैसी मूल भूत सुविधाओं के आभाव के बावजूद पलायन के युग में आज भी इस गाँव में 125 परिवार अपना गुजर बसर खेती-बाड़ी, गाय-भैंस, भेड़-बकरी, मुर्गी आदि पालकर चला रहे हैं । परन्तु इन लोगों के लिए गाँव में पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं है । गाँव वाले एक ही धारे से सर में ढोकर बर्तनों से पानी लाते हैं । 1000 वोटरों वाले इस गाँव को  हर बार चुनाव के समय में नेता झूठे वादे कर जाते थे और जीतने के बाद जब पौने 5 साल बाद दूसरे चुनाव में इस गाँव के रास्ते आते हैं तो कहते हैं कि ए कौन सा गाँव है । 

इसलिए ग्रामवासियों नें इस बार निर्णय लिया है कि हमारे विकाश के लिए जब शासन प्रशासन है ही नहीं तो वोट किसे दें क्यों दें और वोट के दिन क्यों अपना काम काज छोड़कर दिनभर सर पे हाथ लगाके बैठे रहें ।

गाँव या प्रदेश में रहने वाले ग्राम सभा के सक्रिय लोगों ने आज यह भी फैसला किया है कि यदि हमारी ये जायज मांगे नहीं सुनी गई तो पूरे ग्रामवासी देश प्रदेश से एकजुट होकर जल्द एक आन्दोलन को दिशा देंगे जो कि एतिहासिक होगा । 

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