करंट पोस्ट

8/recent/ticker-posts

उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली ने किया शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन

उत्तराखण्ड लोक-भाषा  साहित्य मंच, दिल्ली ने किया शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन

नई दिल्ली : 7 सितम्बर, 2025 को उत्तराखण्ड लोक-भाषा  साहित्य मंच, दिल्ली द्वारा कंस्टीटूशन क्लब नई दिल्ली में  गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी भाषा शिक्षण कक्षाओं के शिक्षकों का सम्मान समारोह  आयोजन किया। इस वर्ष  मंच द्वारा दिल्ली एनसीआर में लगभग पचास केन्द्रों में बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी भाषा सिखाई। लगभग पंद्रह सौ छात्र-छात्राओं ने गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी भाषा सीखी।  

उत्तराखण्ड लोक-भाषा  साहित्य मंच, दिल्ली के संरक्षक डॉ बिनोद बछेती ने बताया कि मंच वर्ष 2016 से दिल्ली एनसीआर समेत उत्तराखण्ड के श्रीनगर, देहरादून, अल्मोड़ा समेत इंग्लैंण्ड में भी ग्रीष्मकालीन गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी भाषा  शिक्षण कक्षाओं का आयोजन करता आ रहा है। इस भाषा शिक्षण अभियान में साहित्यकार, समाजसेवी व सामाजिक संगठनों की अहम भूमिका रहती है। डॉ बछेती ने बताया कि हमारा यह भाषा अभियान नई पीढ़ी को अपनी भाषा, संस्कृति व सरोकारों से जोड़ने का प्रयास है।

उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली के संयोजक श्री दिनेश  ध्यानी ने बताया कि हमारा यह प्रयास लगातार आगे बढ़ रहा है। इसमें अब समाज का हर वर्ग और सामाजिक संगठन भी बढ़ चढकर भाग ले रहे हैं। श्री ध्यानी ने बताया कि आज के इस आयोजन में हमारी कक्षाओं में अपनी भाषा सीख रहे बच्चों द्वारा जो वक्तव्य, उत्तराखण्ड के बारे में जानकारी गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी भाषा  में दी उससे साबित होता है कि हम न सिर्फ बच्चों को अपनी भाषा  सिखा रहे हैं बल्कि उनको उत्तराखण्ड की संस्कृति, सभ्यता एवं महापुरूशों के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं। बच्चों के मनोभावों के अनुरूप उन्हें गीत, संगीत व कविता तथा भाषणों  के माध्यम से अपनी मातृभाशा सिखाने का अनूठा प्रयास सफल होता दिख रहा है।

इस सम्मान समारोह में मुख्य अतिथियों दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष श्री मोहन सिंह बिष्ट, भाषा एवं संस्कृति मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि  हमारे समाज में डॉ विनोद बछेती जी जैसे भाषा प्रेमी और समाज के लिए समर्पित लोगो के कारण ही नई पीढ़ी को अपनी भाषा, सरोकारों से जोड़ा जा रहा  है।  

श्रीमती रेखा गुप्ता ने अपने भाषण में कहा कि हम सभी भाषाओं के विकास के लिए कार्य करेंगे तथा उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली द्वारा की गयी मांगो पर जरूर विचार करेंगे।  उन्होंने बताया की दिल्ली में हम छठ की तरह उत्तराखण्ड के पर्व मकरैणी /उत्तरायणी को भी दिव्य और भव्य रूप से मनाएंगे। श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा कि उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली द्वारा पहाड़ से दूर दिल्ली जैसे महानगर में अपनी भावी पीढ़ी को अपनी भाषा  से जोडे़ रखने का जो प्रयास किया जा रहा है वह अनुकरणीय है।

भाषा एवं संस्कृति मंत्री दिल्ली श्री कपिल मिश्रा ने बताया कि हम क्षेत्रीय भाषा, साहित्य व संस्कृति के विकास के लिए काम करेंगे।  श्री कपिल मिश्रा ने कहा कि उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली के भाषा शिक्षण का पुनीत कार्य कर रहा है।  यह डॉ विनोद बछेती के संरक्षण में हो रहा है यह अहम् है। आशा की जानी चाहिए कि इस भाषा आन्दोलन से नई पीढ़ी जागरूक होगी और अपनी भाषा, संस्कृति से जुड़ेगी। 

इस अवसर पर उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली के संयोजक श्री दिनेश ध्यानी ने एक ज्ञापन श्रीमती रेखा गुप्ता को सौंपा। जिसमें दिल्ली में गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी अकादमी की कार्यकारणी का गठन, अकादमी के लिए ऑफिस और पुस्तकालय की मांग, साहित्य सम्मान शुरू करने, पुस्तक प्रकाशन हेतु सहयोग, बरिष्ठ साहित्यकारों, कलाकारों व रंगकर्मियों को जिनका कुछ आय का साधन नहीं है उनको मासिक पेंशन लागू करने,  तथा साहित्यकारों, रंगकर्मी, व संस्कृति कर्मियों के लिए स्वास्थ बीमा लागू करने की मांग की गयी है। श्री ध्यानी ने कहा कि आज जो ये नौनिहाल मंच में अपनी मातृ भाषा में बात कर रहे हैं, गीत गा रहे हैं उसके लिए मंच की पिछले चौदह साल की तपस्या का सुफल है। इस मुहिम में हमारे समाज के सभी साहित्यकार, समाजसेवी व सामाजिक संगठनो की सांझी मेहनत का परिणाम है।  

भाषा शिक्षक सम्मान समारोह में समाज के कई साहित्यकार, पत्रकार, समाजसेवी व संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भारी संख्या में भाग लिया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ