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उत्तराखंड : नहीं थम रहा तबाही का मंजर धंसे पैदल रास्ते मकानों पर पड़ी दरारें 15 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किया गया शिफ्ट

उत्तराखंड : नहीं थम रहा तबाही का मंजर धंसे पैदल रास्ते मकानों पर पड़ी दरारें 15 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर किया गया शिफ्ट

कर्णप्रयाग : उत्तराखंड में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हैं। भूस्खलन और भूधसांव से कई गांव खतरे की जद में आ गए हैं। लेकिन जनपद चमोली में ज्यादा ही तबाही हुई है। कर्णप्रयाग विकासखंड के कई गांवों में हालत चिंताजनक हो गए। हैं सेमी ग्वाड और सगवाड़ा में नदी नाले उफान पर आने से हालात चिंताजनक हैं। सगवाड़ा गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त हो गया जबकि 15 अन्य परिवारों को खतरा बन गया है। गांव के 15 परिवारों को पंचायतघर सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।

वहीं सेमी ग्वाड गांव में पैदल रास्ते धंस कर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई मकानों पर दरारें पड़ गईं है। साथ ही पौराणिक जल स्रोत भी भूधंसाव की चपेट में आ गए हैं जिसकी वजह से जल संकट का खतरा मंडरा रहा है। 

बुधवार रात को हुई भरी बारिश से सगवाड़ा गांव में अतिवृष्टि से जगत पाल सिंह बिष्ट का मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जबकि अन्य 15 खतरे की जद में आ गए। बीती 22 अगस्त की रात्रि को भी इसी गांव में एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ था। जिसमें एक युवती की मौत हो गई थी।

वहीं राड़ी गांव में घांघली गदेरे के उफान से ग्रामीण सहमे रहे। राड़ी गांव निवासियों का कहना हैं कि उनके आवासीय मकान नीचे से पूरी तरह से खोखले हो गए हैं व मकानों में बड़ी बड़ी दरारें आ गई है। जिससे कभी भी मकान राड़ी गदेरे में बह सकते हैं। 

एसडीएम पंकज भट्ट ने बताया कि बुधवार की देर रात्रि के बाद हुई भारी बारिश से सगवाड़ा गांव में एक आवासीय भवन मलबे में दब गया है। तथा एक अन्य भवन को तीक्ष्ण क्षति हुई है। भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। उसमें फिलहाल कोई नहीं रह रहा था। खतरे को देखते हुए उनका परिवार थराली में रह रहा था। इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई वही तीक्ष्ण रूप से क्षति हुए मकान का परिवार भी गांव में ही अन्यत्र रह रहा था। गांव में खतरे की जद में आए 15 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।

प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी हैं। साथ ही, भूधंसाव प्रभावित क्षेत्रों में भूगर्भीय सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है ताकि भविष्य में किसी बड़ी त्रासदी से बचा जा सके।

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