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उत्तराखंड विधानसभा सत्र : पहला दिन भारी हंगामें की भेंट चढ़ा, कांग्रेस सदस्यों ने सचिव की टेबल पलट दी माइक तोड़ डाला, हंगामे के बीच ही नौ विधेयक हुए पेश

उत्तराखंड विधानसभा सत्र : पहला दिन भारी हंगामें की भेंट चढ़ा, कांग्रेस सदस्यों ने सचिव की टेबल पलट दी माइक तोड़ डाला


विधानसभा मानसून सत्र भराड़ीसैंण : उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार सुबह भराड़ीसैंण में शुरू हुआ। मानसून सत्र का पहला ही दिन भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस विधायकों ने प्रश्न काल स्थगित कर हाल में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में कथित धांधली और बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नियम 310 के तहत तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर सदन में नारेबाजी करते हुए सचिव की टेबल पलट दी, माइक तोड़ डाला और कार्यसूची की प्रतियां फाड़कर हवा में लहराईं। हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कार्यवाही कई बार स्थगित की और अंततः दोपहर 3 बजे तक के लिए रोकनी पड़ी।

सदन ने सत्र की शुरुआत दिवंगत पूर्व विधायक मुन्नी देवी को श्रद्धांजलि देकर की। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। इस दौरान बताया गया कि मानसून सत्र में मंत्रियों से 550 से अधिक प्रश्न पूछे जाने हैं। लेकिन विपक्ष ने प्रश्नकाल शुरू होते ही सरकार को घेरना शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायकों ने सदन में आपदा प्रबंधन में लापरवाही, पंचायत चुनाव में धांधली और सरकारी नीतियों को लेकर कड़ा विरोध जताया। उनका आरोप था कि सरकार गंभीर सवालों से बच रही है और जनता की समस्याओं का जवाब देने से कतरा रही है।

सदन में माहौल इतना गरमाया कि कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने कार्यसूची फाड़ हवा में उछाल दी। यही नहीं, गुस्से में सचिव की टेबल पलट दी गई और माइक तक तोड़ डाला गया। इससे सदन का माहौल अराजक हो गया और प्रश्नकाल बाधित हो गया।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विपक्षी विधायकों के इस व्यवहार को “दुखद और निंदनीय” बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। उन्होंने सदस्यों से बार बार कहा कि प्रॉपर्टी को मत तोड़िए, मत तोड़िए, यह उत्तराखंड की जनता की गाढ़ी कमाई से बना है। पर विपक्ष ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सदन जनता की आवाज़ बुलंद करने का मंच  है, लेकिन अनुशासन भंग कर लोकतांत्रिक गरिमा को ठेस पहुँचाना सही नहीं है।

जहाँ विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा, वहीं सत्ता पक्ष ने इसे कांग्रेस की हताशा बताया। भाजपा विधायकों का कहना था कि सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है, लेकिन कांग्रेस केवल हंगामे के जरिए सुर्खियाँ बटोरना चाहती है।

लगातार शोर-शराबे और टकराव के चलते विधानसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से नहीं चल पाई। जनता से जुड़े सवाल और अनुपूरक बजट पर चर्चा अधूरी रह गई। पहला दिन पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गया। लेकिन इस बीच शाम को सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर सीएम धामी ने हंगामे के बीच ही 5315 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा। इसके साथ ही नौ विधेयक भी पेश हुए। इसके बाद सदन की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 

ये नौ विधेयक पेश किये गए 

  • उत्तराखंड विनियोग 2025-26 का अनुपूरक विधेयक 2025
  • उत्तराखंड उत्तर प्रदेश श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर अधिनियम 1939 संशोधन विधेयक 2025
  • उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2025
  • उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025
  • उत्तराखंड साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक 2025
  • उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025
  • समान नागरिक संहिता उत्तराखंड संशोधन विधेयक 2025
  • उत्तराखंड पंचायती राज संशोधन विधेयक 2025
  • उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2025

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