नई दिल्ली : उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच द्वारा रविवार को न्यू अशोक नगर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच के संयोजक दिनेश ध्यानी ने उपस्थित गणमान्यों का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी पहचान हमारी भाषा है। जो समाज अपनी भाषा और संस्कृति को भूल जाता है उसकी पहचान धीरे धीरे करके ख़त्म हो जाती है। इसलिए हमें अपने विकास के साथ साथ अपनी भाषा, साहित्य व संस्कृति का संरक्षण करना चाहिए। हम लगातार गढवाली, कुमाऊनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं। हम प्रवास में रह रही अपनी भावी पीढ़ियों को कक्षाओं के माध्यम से अपनी मातृभाषा सिखा रहे हैं। यही नहीं देश के बाहर इंग्लैंड में भी ऑनलाइन गढ़वाली कक्षाओं का आयोजन कर रहे हैं, इससे भावी पीढ़ी काफी उत्साहित नजर आ रही है और लगातार हमारे साथ जुड़कर अपनी मातृभाषा को आत्मसात कर रही है।
समाजसेवी व उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली के संरक्षक विनोद बछेती ने कहा कि हमारी चिंता यही है कि हम भावी पीढ़ी को अपनी भाषा व संस्कृति से कैसे जोड़ें। इसके लिए हम 2016 से लगातार ग्रीष्मकालीन गढ़वाली कुमाउनी कक्षाओं का आयोजन कर उन्हें अपनी मूल जड़ों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री भी अनेकों बार क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचार प्रसार और संरक्षण के लिए समाज को जागरूक कर चुके हैं। अब समय आ चुका है कि सरकार हमारी वर्षों पुरानी मांग पर गौर कर हमारी भाषा को सम्मान दे।
वहीं गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष मनवर सिंह रावत ने कहा कि जब भाषा और साहित्य समृद्ध होगा तभी कोई समाज विकसित कहलायेगा। इसलिए हम सबको गढ़वाली और कुमाऊनी भाषाओं के संरक्षण के लिए काम करना होगा।
इस अवसर पर सहित्य मंच द्वारा भाषा और साहित्य के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले कुछ विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया। इनमें गढ़वाली कुमाऊनी जौनसारी अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष मनवर सिंह रावत, डीपीएमआई के चेयरमैन डॉ. विनोद बछेती, भाष्करानंद कुकरेती, पत्रकार पूनम बिष्ट, अभिनेत्री रिया शर्मा, निर्मला नेगी, प्रताप थलवाल सहित कई साहित्यकारों, समाजसेवियों आदि का सम्मान किया। वासुकि फाउंडेशन के चेयरमैन पीएन शर्मा, डीपीएमआई के चेयरमैन डॉ. विनोद बछेती, निर्मला नेगी, प्रताप थलवाल सहित कई साहित्यकारों, समाजसेवियों आदि का सम्मान किया।
इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चंद्र घिल्डियाल सरस, दर्शन सिंह रावत, जयपाल सिंह रावत, जगमोहन सिंह रावत जगमोरा, अनिल पंत, पी एन शर्मा, द्वारका भट्ट, उत्तरांचल क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र आर्य, मनवर सिंह रावत, दयाल नेगी, भगवती प्रसाद जुयाल, बृजमोहन वेदवाल, गिरधारी रावत, द्वारिका प्रसाद चमोली, अनूप सिंह रावत, गोविन्द राम पोखरियाल, संदीप गढ़वाली, विमल सजवाण, दीवान सिंह नेगी,शिव चरन सिंह रावत, गजेंद्र सिंह रावत, महेश चंद्रा, ललित ढौंडियाल, रमन मधवाल, योगराज सिंह रावत, इंद्रजीत सिंह रावत, हरीश असवाल, सतेंद्र सिंह नेगी, मंगल सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच दिल्ली के संयोजक दिनेश ध्यानी ने किया।
0 टिप्पणियाँ