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हर समय मुस्तैद चमोली पुलिस ने गौचर मेले में खो गई 5 वर्षीय बच्ची को उसकी मां से मिलाया

हर समय मुस्तैद चमोली पुलिस ने गौचर मेले में खो गई 5 वर्षीय बच्ची को उसकी मां से मिलाया


गौचर मेला 2024 : चमोली जिले में आजकल गौचर मेला चल रहा है जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आ रहे है। उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए इस मेले में व्यापारी भी काफी संख्या में यहां पधारे हैं। स्थानीय लोगों के अतिरिक्त दूर दराज के लोग भी यहां खरीदारी करने व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने के लिए परिवार सहित पधार रहे हैं। लेकिन भीड़ अधिक होने से लोग एक दूसरे से बिछुड़ भी रहे हैं और उनके पर्स, मोबाइल इत्यादि भी गायब हो रहे हैं, लेकिन चमोली पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और ऐसी घटनाओं को पूरी सूझ बुझ के साथ अतिशीघ्र सुलझा रही है। 

आज शनिवार को मेले के दौरान देवराडा थराली निवासी 5 वर्षीय राधा, मेले के दौरान अचानक से अपनी मां से जुदा होकर कहीं खो गई। राधा के खो जाने के बाद उसकी मां कोमल ने उसे इधर उधर काफी ढूंढा लेकिन मेले में आए लोगों में से कोई भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं था । बेटी के खो जाने से कोमल की चिंता बढ़ती जा रही थी। काफी कोशिश के बाद भी जब बेटी का कुछ पता न चला तो उन्होंने खोया पाया केन्द्र में जाकर इस बारे में वहां तैनात म0 कां0 प्रीति को बताया। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए राधा की खोजबीन शुरू की और उसकी पहचान के लिए मेले के चारों ओर पूछताछ करना प्रारंभ किया।

प्रीति ने राधा का विवरण नोट कर उसके गम होने की बात से अलाउंसमेंट द्वारा मेले में मौजूद सभी लोगों को सूचित किया। उसके द्वारा किए गए प्रयासों से कुछ ही घंटों में बच्ची राधा को पास के एक खाद्य स्टॉल के पास खेलती मिल गई। बच्ची को पाकर मां भावुक हो गई और उसे गले से लगा लिया। मां कोमल की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। 

कोमल ने खोया पाया केन्द्र की सभी टीम, विशेष रूप से प्रीति का दिल से धन्यवाद किया।

वहीं मेले में आई सुषमा देवी, निवासी कनखुल, कर्णप्रयाग का भी पर्स और फोन चहल पहल के बीच कहीं खो गया। जब सुषमा देवी को यह पता चला कि उनका फोन और पर्स कहीं खो गया है, तो उन्होंने तुरंत मेले में ड्यूटी पर मौजूद महिला कांस्टेबल लक्ष्मी और प्रीति से संपर्क कर इसकी शिकायत दर्ज कराई। दोनों कांस्टेबलों ने सुषमा की चिंता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लिया। उन्होंने खोई हुई वस्तुओं की तलाश शुरू की, और मेले के विभिन्न भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में खोजबीन की।

कड़ी मेहनत और समर्पण के बाद, महिला कांस्टेबल लक्ष्मी और प्रीति ने सुषमा देवी के खोए हुए फोन और पर्स को ढूंढ निकाला।  पर्स और मोबाइल मिलने पर सुषमा देवी ने राहत की सांस ली, और उन्होंने दोनों कांस्टेबलों का आभार जताया।

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