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गढ़वाल और कुमाऊं की साझा संस्कृति का प्रतीक है देवाल कौथिग-भूपाल राम टम्टा

देवाल मेला चमोली गढ़वाल

देवाल : शुक्रवार को विधायक भूपाल राम टम्टा द्वारा गढ़वाल और कुमाऊं के प्रसिद्ध कौथिगों में शुमार तीन दिवसीय देवाल कौथिग का  शुभारंभ करने के साथ ही रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की गई। इस दौरान स्कूली बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियां दी तथा महिलाओं ने कैल नदी से जल भरकर कलश यात्रा निकाली और मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक किया।

वीडियो आभार राकेश सिंह बिष्ट

थराली विधायक भूपाल राम टम्टा ने कहा कि यह कौथिग गढ़वाल और कुमाऊं की साझा संस्कृति का प्रतीक है। मेला सदियों से आयोजित होता आ रहा है और लगातार इस मेले का विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि देवाल कौथिग मेले से लोक संस्कृति का, जो प्रचार-प्रसार हो रहा हैं, इसके लिए वह आयोजन कमेटी को बधाई देते हैं। मेले के सफल संचालन के लिए विधायक ने दो लाख रुपये देने और टैक्सी स्टैंड देवाल में शौचालय निर्माण की घोषणा भी की।

टैक्सी पार्किंग में आयोजित कार्यक्रम में मेलाध्यक्ष लखन रावत ने सरकार से इस मेले को राज सहायता देने, मेला स्थल व टैक्सी पार्किंग का विस्तार करने की मांग की। वहीं  पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र बिष्ट ने कहा कि देवाल कौथिग मेले की शुरुआत  2006 में सांस्कृतिक और पर्यटन मेले के रूप में की गई थी। 

कौथिग में हिमालयन पब्लिक स्कूल के छात्रों अमन व आदेश जोशी ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत कैलाश के निवासी भोले बाबा भजन की शानदार प्रस्तुति से की। मेले में बदरी केदार मानव श्रम समिति, प्राथमिक स्कूल उलंग्रा, ममंद हाटकल्याड़ी व कला मंचों ने अल्मोड़ा अंग्रेज आयो टैक्सी मां, ढोल बाजे दमाऊं बाजे, बड़ी भली अम्मा मेरी, बेड़ू पाकों बारों मासा, आदि गीतों पर सुंदर प्रस्तुतियां ने समां बांध दिया। 

कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य देवी जोशी, भाजपा मंडल अध्यक्ष उमेश मिश्रा, कांग्रेस अध्यक्ष कमल गड़िया के साथसाथ असंख्य संस्कृति प्रेमी मौजूद थे।  

शैलेश्वर मेले में नंदा और शिव के जागरों पर झूमे लोग

कर्णप्रयाग। सिद्धपीठ शैलेश्वर में आयोजित तीन दिवसीय पर्यटन सांस्कृतिक एवं विकास मेले का समापन पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। इस दौरान महिला मंगल दलों ने झुमैलो, चौंफुला, शिव के जागरों और स्कूली बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इस दौरान नंदा की झांकी भी निकाली गई। कार्यक्रम में पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि मेलों से परंपरा और संस्कृति का संवर्धन होता है। इस दौरान जर्मनी के प्रो. विलियम को श्रीनंदा देवी राजजात पर शोध कार्य करने के लिए मेला समिति ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में मेला समिति के अध्यक्ष गबर सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य विनोद नेगी, श्रीनंदा देवी राजजात समिति के महासचिव भुवन नौटियाल, गोविंद सिंह तोपाल, अशोक चौधरी, लक्ष्मी रावत, गायत्री नेगी आदि मौजूद थे। 

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