DELHI : रविवार 16 जुलाई 2023 को हिमाला स्टोर, शालीमार गार्डन में "उत्तराखंड में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर" विषय पर भव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। उत्तराखंड में कृषि क्षेत्र में अपना प्रमुख योगदान दे रहे कमल पाण्डेय को "हिमाला स्टोर" के व्यवस्थापकों द्वारा इस परिचर्चा के लिए विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया था।
कमल पाण्डेय ने 2020 से अपने स्टार्टअप की शुरूआत की थी, इससे पूर्व वे दिल्ली एनसीआर में एक आईटी कम्पनी में कार्यरत थे जिन्होंने कौरोना काल में अल्मोड़ा उत्तराखंड से अपने स्टार्टअप की शुरूआत की और आज मात्र 2-3 वर्षों में ही इनका स्टार्टअप उत्तराखंड की एक पहचान बन चुका है।
इनके स्टार्टअप को "उत्तराखंड सरकार द्वारा देहरादून में स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज" के विजेता द्वारा 50 हजार की धनराशि पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
इनक स्टार्टअप 20 Lakh RKVY- रफतार (राष्ट्रीय कृषि विकास योजना) केंद्र सरकार की योजना का विजेता भी रहा है।
हिमाला स्टोर के प्रमुख व्यवस्थापकों सुन्दर सिंह घुघत्याल, कैलाश पाण्डेय व क्षेत्र के वरिष्ठजन दलीप सिंह उनियाल जी, सुदामा गौड़ जी सहित कई उत्तराखंड प्रवासियों द्वारा आमंत्रित विशेषज्ञ को अंगवस्त्र पहानकर उनका क्षेत्र में स्वागत किया।
आयोजित गोष्ठी में विशेषज्ञ द्वारा कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाऐं, इस पर स्वरोजगार की संभावनाऐं व आर्गेनिक उत्पादों की महत्वता पर विशेष ध्यान आकर्षित किया, जिसमें निम्न बिन्दुओ पर विचार-विमर्श हुआ।
1 - उत्तराखंड में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संभावनाओं एवं वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा इस क्षेत्र में दी जाने वाली सब्सिडी एवं योजनाओं पर चर्चा की गई।
2- उत्तराखंड राज्य सरकार का कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण की तरफ रुझान व झुकाव वर्तमान में युवाओं के लिए एक अच्छा अवसर बनाने/पैदा कर रहा है।
3- उनके स्टार्टअप "बाबा एग्रोटेक" द्वारा वर्तमान में महिलाओं, काश्तकारों एवं पढ़े-लिखे युवाओं को वैज्ञानिक विधि से खेती एवं कृषि से जोड़े जाने का प्रयास किया जा रहा है।
4- वर्तमान में कृषि संबंधी स्टार्टअप्स को राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा जो सहायता स्वरूप अनुदान प्रदान की जा रहे हैं उस पर भी चर्चा की गई।
5- वर्तमान समय में संरक्षित खेती जैसे कि मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, औषधीय पौधों एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।
6- उनके स्टार्टअप "बाबा एग्रोटेक" द्वारा सीजनल मशरूम उत्पादन के साथ-साथ कैसे औषधीय मशरूम उत्पादन किया जा रहा है एवं कैसे उसके अनेक प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं उन पर भी चर्चा हुई।
7- उत्तराखंड के किसानों एवं स्टार्टअप्स के द्वारा बनाए गए खाद्य उत्पादों को कैसे बड़े मार्केट या इंटरनेशनल लेवल पर भेजा जा सकता है, उस विषय पर भी चर्चा हुई।
8- महानगरों में रह रहे लोगों एवं उत्तराखंड में रहकर उत्पादन व प्रसंस्करण कर रहे किसानों के बीच कैसे सामंजस्य बनाया जाए और कैसे उनके द्वारा बनाए जा रहे हैं उत्पादों को एक उचित मार्केट एवं मूल्य दिलाया जाए इस पर भी चर्चा की गई।
9-शहरों में आकर बस गए कुछ ऐसे लोगों जिनकी गांव में जमीन है उनका किस तरह से कृषि के क्षेत्र में उसका उचित उपयोग व प्रयोग किया जा सकता है, उस पर चर्चा की गई।
10- उत्तराखंड के उत्पाद जैसे कि बद्री गाय का घी पहाड़ी, शहद एवं मशरुम जैसे उत्पादों को कैसे वहां के किसानों की आय में वृद्धि लाने के लिए प्रयोग किया जा सकता है, उस पर चर्चा की गई।
11-कृषि उत्पादों एवं उससे संबंधित बने हुए खाद्य उत्पादों के तकनीकी शंकाओं एवं प्रश्नों पर भी चर्चा की गई।
12- उत्तराखंड में पारंपरिक खेती में आने वाली समस्याओं को देखते हुए संरक्षित खेती को कैसे अपनाया जाना चाहिए उस पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम में उ•भ्रा•स• के अध्यक्ष दरबान नेगी, आपसी मिलन समूह के अध्यक्ष हेमंत भाकुनी व क्षेत्र के गणमान्य सदस्य नीरज बहूखंडी, तारा दत्त, सुरेन्द्र सिंह, मनोज जोशी सहित कई गणमान्य व्यक्तित्व मौजुद रहे।

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सराहनीय कार्य
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