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गढ़वळि-कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल हूण चैन्द-हरीश रावत


नै दिल्ली: 9 जुलाई, 2023 खुणि उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली कु एक प्रतिनिधि मण्डल ला बरिष्ठ आन्दोलनकारी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी क सचिव श्री हरिपाल सिंह रावत, बरिष्ठ पत्रकार श्री कुशाल जीना का दगड़ि उत्तराखण्ड का पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस का बरिष्ठ नेता श्री हरीश रावत से दिल्ली म वों का निवास म मुलाकात कैरी। प्रतिनिधि मण्डल ला श्री हरीश  रावत तैं एक मांग पत्र सौंपी जैम  गढ़वळि - कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर उत्तराखण्ड विधान सभा बिटिन प्रस्ताव सदन म चर्चा का बाद पास कैरी कि केंद्र सरकार तैं भेजणा खातिर मंच की मांग तैं श्री रावत  अपणा प्रभाव से उत्तराखण्ड सरकार का समणी उठावन व केंद्र सरकार से भी गढ़वळि - कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर वर्षों पुरणी मांग तैं पूरी कना प्रयास म सहयोग कना अनुरोध मंच का प्रतिनिधि मण्डलन कैरी। 


श्री हरीश रावत न प्रतिनिधि मण्डल कि बात ध्यान से सूणी।  उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली क संयोजक श्री  दिनेश ध्यानी ला श्री हरीश रावत तैं उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली द्वारा सन 2012 बिटिन मंच की गतिविधियों से अवगत करै।  श्री हरीश रावत न बोलि मंच भौत बढ़िया काम करणू चा।  आप लोगों की भाषा का प्रति प्रतिबद्धता अनुकरणीय चा।  यनि प्रयासों से भाषा अष्ठम सूचि  का वास्ता अपणी पुख्ता दावेदारी रखी सकदा।  दगड़ी श्री दिनेश ध्यानी ला श्री रावत तैं हाल ही म मंच को एक प्रतिनिधि मण्डल द्वारा देहरादून म उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, भाषा मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक व पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री प्रीतम सिंह व डोईवाला विधायक श्री बृजभूषण गैरोला समेत कै साहित्यकारों तैं मिलणा व  गढ़वळि - कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर उत्तराखण्ड विधान सभा बिटिन प्रस्ताव सदन म चर्चा का बाद पास कैरी कि केंद्र सरकार तैं भेजणा खातिर प्रयासों की जानकारी दे।  

श्री हरीश रावत न बोलि कि अब गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं तेन आठवीं अनुसूची म शामिल हूण चैन्द।  श्री रावत न सुझाव दे कि गढ़वळि-कुमाउनी भाषाओं का शब्दकोश, ब्याकरण, लिखित साहित्य व अज्यों तलक जतना प्रयास यी दिशा म ह्वेन सब्यों को एक दस्तावेज केंद्र व प्रदेश सरकार समेत साहित्य अकादमी, उत्तराखण्ड भाषा संस्थान का समणी रखे जा। श्री हरीश रावत न बोलि कि हम सब लोगों तैं पहल कन चैन्द कि  गढ़वळि - कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म जल्दी से जल्दी शामिल करे जा साक।  वोन बोलि मि अपणा स्तर परैं हर कोशिश करलु।  

ये मौका परैं हिन्दी व गढ़वळि का साहित्यकार व गढ़वळि का प्रथम पज़लकार श्री जगमोहन सिंह रावत जगमोरा न अपणी पज़ल संग्रह की पोथी श्री हरीश रावत तैं भेंट करींन ।  प्रतिनिधि मण्डल म श्री दर्शन सिंह रावत, श्री जगमोहन सिंह रावत जगमोरा, श्री दिनेश ध्यानी, श्री अनिल पन्त, श्री रमेश हितैषी आदि शामिल छाया। 

ज्ञातव्य हो  उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली गढ़वळि - कुमाउनी भाषाओं तैं संविधानै आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर लगातार प्रयास करणू चा।  हाल ही म मंच देहरादून, पौड़ी का पाबौ, चाई समेत दुगड्डा, कोटद्वार लगातार भ्रमण कनू चा अर भाषा आन्दोलन म साहित्यकारों व जनता कि भागीदारी सुनिश्चित कनू चा। आशा चा औंण वलु बगत म गढ़वाली-कुमाउनी भाषाओं तेन आठवीं अनुसूची म शामिल कना खातिर उत्तराखण्ड समेत देश अर दुन्या  म जखा बि हमरा लोग छन सौब ये खातिर एकजुट होला अर सरकार बि यूँ भाषाओं की सुध लेली।

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