प्राप्त जानकारी के अनुसार छोड़ी गांव निवासी अमिता बिष्ट और उसकी मित्र सरोली रोजाना गांव से रुद्रप्रयाग कॉलेज के लिए जाती थी। सोमवार को वो अपनी मित्र के साथ पैदल ही अपने घर को लौट रही थी कि छोड़ी के पास एक सिरफिरे ने अचानक से उस पर चाकू से हमला कर दिया । चाकू गले में लगने और गंभीर घाव होने से वो घायल हो गई। उसकी मित्र ने भागकर अपनी जान बचाई। छात्रा के परिचित तुरंत मौके पर पहुंचे और छात्रा को श्रीनगर अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत अब ठीक है।
इस घटना ने ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि अब महिलाएं उत्तराखंड की ग्रामीण इलाकों में भी सुरक्षित नहीं हैं। इस तरह की घटनाओं को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। उन्होंने इस मामले में पुलिस से जल्द कार्यवाही की मांग की है। ग्रामीणों की शिकायत है कि यहां आये दिन दूसरे प्रदेशों से मजदूरी के नाम से लोग आ रहे हैं जिनका कोई सत्यापन प्रशासन द्वारा नाहिक किया जाता है और ना ही इन पर कड़ी नज़र रखी जाती है जिसका नतीजा ये है कि हमारी भोली भाली बहन बेटियों के साथ छेड़खानी और हमले कर रहे हैं। आये दिन पूरे उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों से इस तरह की वारदातों के मामले सामने आ रहे हैं। यदि प्रशासन ने इनपर नियंत्रण नहीं रखा तो भविष्य में कोई बड़ी वारदात होने की आशंका है।
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