कुमाउनी भाषा एवं साहित्य के संरक्षण और संवर्धन हेतु गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन
नई दिल्ली : उत्तराखंडी दुधबोलियों कुमाऊनी व गढ़वाली के संरक्षण व उसको संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए साहित्यकार, कवि, संस्कृति प्रेमी, भाषाविद और सामाजिक कार्यकर्ता लगातर प्रयासरत हैं और दिल्ली एनसीआर में साहित्यिक कार्यक्रमों से जनता को भी अपनी बोली भाषा की अहमियत समझा कर उनमें जागरूकता पैदा कर रहे ।
इसी कड़ी में कुमाउनी भाषा, साहित्य एवं सांस्कृतिक समिति नई दिल्ली द्वारा एक विशेष प्रयास के तहत रविवार 18 सितंबर को डीएवी सेंटेनरी कॉलेज फरीदाबाद में कुमाउनी भाषा एवं साहित्य के संरक्षण और संवर्धन हेतु गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का समय शाम 4 से 6 बजे का होगा।
कार्यक्रम को 3 सत्रों में आयोजित किया जाएगा जिसमें कुमाउनी भाषा गोष्ठि, पुस्तक परिचर्चा और कवि सम्मेलन का कार्यक्रम रखा गया है ।
कुमाउनी भाषा पर गोष्ठि में वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित रूप से कार्यरत श्री चारू तिवारी जी और फ़रीदाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार श्री आचार्य प्रकाश चन्द्र फुलोरिया जी कुमाउनी भाषा पर विशेष वक्तव्य रखेंगे। युवा लेखक और रामजस कालेज दिल्ली में प्रोफैसर डा. प्रकाश उप्रेती सुप्रसिद्ध कुमाउनी लोकगायक और जनकवि स्व. हीरा सिंह राणा जी के समग्र रचना संसार पर प्रकाशित पुस्तक "लस्का कमर बांधा" पर परिचर्चा करेंगे ।
कवि सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित और युवा कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे जिनमें श्री दिनेश छिमवाल जी, रघुवर दत्त शर्मा जी, राजू पांडेय जी, डा. पुष्पा जोशी जी, मीना पांडेय जी और कु. दीप शैलजा उप्रेती जी होंगे। साथ ही कुछ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी रहेंगी जिनमें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय से पुरस्कृत सुप्रसिद्ध लोकगायिका श्रीमती आशा नेगी जी, लोकगायक प्रकाश आर्या, युवा प्रतिभा रमेश उप्रेती और मेधा जोशी अपनी प्रस्तुतियां देंगे ।
दिल्ली NCR के कई वरिष्ठ व्यक्तित्व और समाजसेवी इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे और कुमाउनी बोली भाषा को सामाजिक रूप से स्वीकार्यता और संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दिलवाने हेतु अपनी विशेष सहभागिता सुनिश्चित करेंगे । इस कार्यक्रम में फ़रीदाबाद और दिल्ली NCR की कई सामाजिक संस्थाओं का भी विशेष सहयोग मिल रहा है
कार्यक्रम का आयोजन कुमाउनी भाषा, साहित्य और सांस्कृतिक समिति द्वारा किया जा रहा है जिसके संयोजक श्री चारू तिवारी, सह संयोजक डा. दीपक पंत, अध्यक्ष डा. मनोज उप्रेती, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र हालसी, महासचिव सुरेंद्र सिंह रावत, सचिव संतोष जोशी, कोषाध्यक्ष राजू पांडेय व कार्यक्रम संयोजक नीरज बावड़ी हैं । समिति राष्ट्रीय स्तर पर पंजिकृत है जो कि विशेष रूप से कुमाउनी भाषा, उत्तराखंडी समाज और जन सरोकारों के प्रति समर्पित भाव से कार्यरत रहेगी ।
0 टिप्पणियाँ