मांगल गीतों की परंपरा को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में हुआ प्रशिक्षण शिवर का शुभारंभ
श्रीनगर गढ़वाल : उत्तराखंड लोक संस्कृति को बढ़ावा देने और युवा पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए हनब गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर स्थित लोक कला संस्कृति केंद्र में मांगल गीतों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। संस्कृति केंद्र द्वारा इस प्रशिक्षण शिविर में क्षेत्र के सभी स्कूलों, महिलाओं और संस्कृति कर्मियों को मांगल गीतों का प्रशिक्षण लेने के लिए आमंत्रित किया गया।
केंद्र के प्रो. डीआर पुरोहित ने बताया कि मांगल गीत उत्तराखंड की संस्कृति का अहम हिस्सा है लेकिन समय के साथ लोग अपनी इस परंपरा को भूलते जा रहे हैं इसीलिए हमारे द्वारा इस परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम समन्वयक एवं गायक डा. संजय पांडेय ने बताया कि अलग-अलग चरणों व अलग-अलग क्षेत्रों से मांगल गायकों को प्रशिक्षण हेतु बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विशेषज्ञों द्वारा सात-सात दिन तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।अभी प्रथम चरण में नंदप्रयाग से वीरा देवी द्वारा महिलाओं व छात्र-छात्राओं को मांगल गायन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आयोजन में विवि के इं. महेश डोभाल व डा. सर्वेश उनियाल की ओर से सहयोग दिया जा रहा है। इस मौके पर सुमन लखेड़ा, दर्शनी सेमवाल, बीना नेगीप, कुसुम रावत, किरन जोशी, अंजलि, गौरव, कविता, अमलेश, विकेश, अभिषेक, साहिल, रोहित, कार्तिकेय आदि मौजूद रहे।

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