उत्तराखंड के प्रसिद्ध समाजसेवी अवधेश कौशल ने किया बैकुंठधाम को प्रस्थान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक
उत्तराखंड : प्रसिद्ध समाजसेवी व पद्मश्री से सम्मानित अवधेश कौशल का 87 वर्ष की उम्र में मंगलवार तड़के निधन हो गया। देहरादून के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से बीमार थे और सोमवार से उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद आज तड़के पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
पद्मश्री अवधेश कौशल के निधन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शोक जताया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अवधेश जी जीवटता व संघर्ष के प्रतीक थे। सीएम धामी ने कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे और शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने का धैर्य एवं शक्ति दे। अवधेश जी के निधन से सामाजिक संगठनों में भी शोक की लहर है। गैर सरकारी संगठन ‘रूरल लिटिगेशन एंड एनलाइटनमेंट केंद्र'(रूलक) के संस्थापक पद्मश्री अवधेश कौशल ने शिक्षा, पर्यावरण और मानवाधिकारों के लिए जीवनभर काम किया।उन्होंने रूलक संस्था के माध्यम से कई सामाजिक कार्यों में न सिर्फ भाग लिया, बल्कि कई ज्वलंत समस्याओं के निस्तारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपने जीवनकाल में अवधेश कौशल जी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने, चकराता में बंधुआ मजदूरी ख़त्म करने, शिक्षा, गुर्जरों के अधिकार और देहरादून मसूरी के बीच चूना भट्टा खदानों को बंद कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्हें सदा याद रखा जायेगा।

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