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रिवर्स पलायन कर उत्तराखंडी प्रवासी कर रहे हैं अपना स्वरोजगार आदिबद्री में माया रेजीडेंसी कर रही जिसे साकार

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रिवर्स पलायन कर उत्तराखंडी प्रवासी कर रहे हैं अपना स्वरोजगार 

आदिबद्री में माया रेजीडेंसी कर रही जिसे साकार 

द्वारिका चमोली (डीपी)

कर्णप्रयाग :  उत्तराखंड में असुविधाओं की बात कर लोग जहां लगातार पलायन कर   रहे वहीं प्रवासी बंधु अपने उत्तराखंड को नया स्वरुप देने के लिए रिवर्स पलायन कर न केवल अपना स्वरोजगार कर रहे हैं अपितु अपने साथ अनेकों युवाओं को स्वरोजगार की और प्रोत्साहित कर रहे हैं जिसे देखते हुए सरकार भी अपनी ओर से पूरा सहयोग देने की बात कर रही है। कोरोना के बाद आप सभी ने भी देखा होगा कि अनेकों युवा अपने गांव लौट पारम्परिक व्यवसाय की ओर अग्रसर हुए हैं। युवाओं की यही सोच उत्तराखंड के भविष्य को निर्धारित करेगी। 

ऐसे ही एक व्यक्ति हैं मायाराम बहुगुणा जो पिछले कई वर्षों से दिल्ली में कार्यरत थे किन्तु मन उनका हमेशा अपने उत्तराखंड में कुछ करने के लिए लालायित रहता था तो उनकी ये इच्छा कोरोना महामारी के कारण पूर्ण होती दिख रही है। चूँकि वे ट्रैवलिंग फील्ड में थे तो उन्होंने इसी क्षेत्र में कुछ करने का मन बनाया। वैसे भी उत्तराखंड में इस क्षेत्र में बहुत  संभावनाएं हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड सरकार ने भी लोगों को होम स्टे प्लान के विषय में बताया और इसके लिए सरकारी मदद भी देने का आश्वासन दिया। मायाराम जी के पास गांव में सड़क के नजदीक ही काफी जमीन थी इसलिए उन्हें होम स्टे का प्लान काफी पसंद आया। इसके लिए उन्होंने जानकारी हासिल की और गांव जाकर होम स्टे पर काम करना शुरू कर दिया। शुरू में उन्हें दिक्कतें तो आयी किन्तु उनका प्रयास सफल हुआ और अब उनका माया रेजीडेंसी होम स्टे छोटे स्तर पर प्रारम्भ हो चुका है। 

जनपद चमोली के कर्णप्रयाग तहसील के अंतर्गत आदिबद्री से कुछ ही दूरी पर स्थित बोंली लगाताल नामक स्थान पर बना है माया रेजीडेंसी होम स्टे जो कि  कर्णप्रयाग-गैरसैण रोड पर कर्णप्रयाग से 15 -16 किलोमीटर की दूरी लिए पहाड़ों की नैसर्गिग सौंदर्य के  बीच स्थित है। यहाँ आपको बहुत ही स्वच्छ वातावरण में हवादार कमरों के साथ घर का सा अहसास होगा। माया रेजीडेंसी से नीचे की और आटा गाड़ (छोटी नदी) है तो इसके ऊपर की और काफल के जंगल और आदिबद्री में आप भगवान विष्णु के दर्शन कर सकते हैं। यही पर चांदपुर गढ़ी भी हैं जहां गढ़वाल के राजा का महल हुआ करता था।  इससे 4 -5 किलोमीटर की दूरी पर पर्यटक स्थल बैनीताल स्थित है जहां आप बुग्याल का आनंद ले सकते हैं। 

आपको बता दें कि 15 -16 मई को आदिबद्री में एक बहुत बड़े मेले (नौठा कौथिक) का आयोजन हो रहा है तो आप यदि कहीं घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो भगवान के दर्शनों के साथ साथ आप शांत व मनभावन वातावरण में माया रेजीडेंसी में रूककर देवनगरी  के आलौकिक आनंद का लुफ्त उठा सकते हैं। 

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1 टिप्पणियाँ

  1. मायाराम बहुगुणा जी का ये सपना काफी समय पुराना है और उन्होंने कोराेना काल के दौरान काफी संघर्ष करके इस सपने को साकार किया। भाई मायाराम बहुगुणा जी उनके परिश्रम और घर के सदस्यो का साथ को हार्दिक शुभकामनाएं।

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