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बामनाथ मंदिर जहां भोलेनाथ के दर्शन करे बगैर मंजिल तक पहुंचना है मुश्किल


बामनाथ मंदिर जहां भोलेनाथ के दर्शन करे बगैर मंजिल तक 

पहुंचना है मुश्किल  

कर्णप्रयाग : उत्तराखंड में चार धाम ही नहीं बल्कि इसके चप्पे चप्पे में देवता वास करते हैं। यहां ऐसे अनेकों तीर्थस्थल हैं जहां आपको अलौकिक सुख की अनुभूति होगी और आप खुद को ईश्वर से जुड़ा हुआ पाएंगे। यही नहीं पूरे उत्तराखंड में कुछ स्थान ऐसे हैं कि अगर आप वहां से गुजर रहे हैं तो बिना ईश्वर को नतमस्तक किये आप सही सलामत अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकते ऐसा होते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने खुद अपनी आँखों से देखा है। जिससे ये तो निश्चित है कि कोई न कोई अदृश्य शक्ति अवश्य है जो इस संसार को चला रही है। ऐसे ही एक स्थान के विषय में आपको हम जानकारी दे रहे हैं।

अगर आप कभी बद्रीनाथ गए हो तो आपने देखा होगा की पांच प्रयागों में से एक कर्णप्रयाग रास्ते में पड़ता है। यहां से एक मार्ग बद्रीनाथ के लिए और एक नागनाथ पोखरी के लिए जाता है। कर्णप्रयाग से 26-27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है नागनाथ पोखरी जो कि एक बहुत ही रमणीक स्थल है। यहां से एक मार्ग  गोपेश्वर के लिए जाता है। पोखरी से इस मार्ग पर आगे चलेंगे तो 15-16 किलोमीटर की दूरी पर हापला  के पास बामनाथ त्रिशूला नामक स्थान है जहां बामनाथ महादेव जी के नाम से एक प्रसिद्ध मंदिर है। 

वर्षों पूर्व सड़क किनारे बने इस मंदिर के विषय में यह मान्यता है कि जो भी गाड़ियां यहां से गुजरती है वो कुछ पल यहां जरूर रूकती है और लोग ईश्वर को नमन कर  प्रसाद ग्रहण करके ही फिर आगे बढ़ते है कहा जाता है कि यदि आपने ऐसा नहीं किया तो मंजिल पर पहुंचने से पहले ही आपके साथ कोई अन्होनी अवश्य हो सकती है और ऐसा होते हुए ग्रामीणों ने अनेकों केस देखे हैं। 

यदि आपको ट्रैकिंग का शौक है तो आप पोखरी से नागनाथ महादेव मंदिर और  पोखरी से गोपेश्वर रोड पर हापला में रूककर यहां से पैदल ही तुंगनाथ भगवान के दर्शनों के लिए जा सकते है। इस मार्ग पर चलते हुए आपको न केवल शांति का अहसास होगा बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने को मिलेगा। पोखरी से ही आप कार्तिक स्वामी के दर्शनों के लिए भी जा सकते हैं। 


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