रैणि गांव के जंगलों पर फिर गहराया संकट-तस्करों ने पहुंचाई
कीमती पेड़ों को क्षति
चमोली : अपने गांव की वन संपदा को बचाने के लिए जिस रैणी गांव से चिपको आंदोलन शुरू हुआ था वहां के जंगलों में एक बार फिर कांचुला के कई पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचाए जाने की खबर है । बीते सोमवार को गांव का एक व्यक्ति जंगल में गया तो उसने देखा वहां कई कांचुला के पेड़ों को इस तरह क्षति पहुंचाई गई है की वो जल्द ही सुखकर गिर सकते हैं। उसने तुरंत इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों व वन विभाग के अधिकारियों को दी। इस सूचना पर रैणी गांव की महिला मंगल दल, युवक मंगल दल अन्य ग्रामीण और वन विभाग की टीम ने तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए यथा स्थिति जानने के लिए जंगल की और रवाना हुए ।
सूत्रों के मुताबिक इस जंगल में पेड़ों को काटकर उनसे कई टुकड़े निकालकर खोखला किया गया है जिससे कि ये पेड़ कमजोर होकर गिर जाएं। बताया जा रहा है कि पेड़ों से टुकड़े निकालकर इनकी तस्करी की जाती है। इस पेड़ की लकड़ी से डिजाइनदार कटोरियाँ और गिलास तैयार कर ऊंची कीमतों पर बेचे जाते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक इसमें किसी बाहरी व्यक्ति का हाथ हो सकता है।
इस मामले में वन विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि मामले की वास्तविक स्थिति का पता चलने के बाद ही हम कोई उचित कारवाही करेंगे।
0 टिप्पणियाँ