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ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर बन रही सुरंगों के लिए हो रहे विस्फोटों से कई गांवों का अस्तित्व संकट में

 

                                 Photo credit by newsclick

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग पर बन रही सुरंगों के लिए हो रहे

विस्फोटों से कई गांवों का अस्तित्व संकट में 

RISHIKESH KARNPRAYAG RAIL MARG: ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग का काम जोरों पर है किन्तु इस मार्ग पर बन रही सुरंगों के निर्माण में जिस तरह से विस्फोट किये जा रहे है उससे  रुद्रप्रयाग के  रानीगढ़ पट्टी के मरोड़ा गांव के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है। गांव के घरों, खेतों, चौक और गौशालाओं में दरारें पड़ने लगी है जो कभी भी किसी दुर्घटना कारण बन सकती हैं। इस संकट को देखते हुए गांव के लगभग तीन दर्जन परिवार  अन्यत्र शरण ले चुके हैं। इस बावत प्रभावितों ने शासन, प्रशासन और आरवीएनएल से सुरक्षित पुनर्वास की मांग की है।

बता दें कि इस मार्ग का निर्माण कार्य आजकल जोरों पर चल रहा है पर इस निर्माण कार्य में जिस तरह से विस्फोटकों का इस्तेमाल हो रहा है, उससे गांवों को बहुत ही नुकसान उठाना पड़ रहा है । हालत यह है कि अगस्त्यमुनि ब्लॉक की रानीगढ़ पट्टी के मरोड़ा गांव के अस्तित्व पर ही संकट आ खड़ा हुआ है। गांव में रह रहे 40 परिवारों में से तीन दर्जन परिवार अपनी सुरक्षा की खातिर मकान छोड़कर अन्यत्र शरण ले चुके हैं। लगातार दरारों के बढ़ने से अन्य परिवार भी यहां से जाने की सोच रहे हैं। 

हालत से भयभीत है ग्रामीण 

स्थानीय निवासियों, ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से विस्फोट हो रहे है उससे न केवल गांव को नुकसान हो रहा है अपितु यहां की धरती भी खिसक रही है तथा हमें और हमारे मवेशियों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।  जर्जर होते हालत से हम लोग काफी भयभीत हैं। वन पंचायत सरपंच देवी प्रसाद थपलियाल और गांव के अन्य लोगों ने बताया कि गांव के ठीक नीचे से गुजरने वाली रेल लाइन के लिए पिछले कई दिनों से सुरंग का निर्माण हो रहा है। जिसमें आए दिन हो रहे विस्फोटों से हम लोग सहमे हुए हैं क्योंकि इससे हमारे मकान और अन्य संपत्तियां कभी भी मलबे के ढेर में समा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने रेलवे विकास निगम और जिला प्रशासन से गांव के पुनर्वास की मांग की है।

मरोड़ा गांव में बिगड़ते हालत को देखते हुए जिला प्रशासन भी हरकत में आया है और उसने आरवीएनएल से कहा है कि ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर बसने के लिए जल्द ठोस कदम उठाये। इस समय गांव के जो लोग अन्यत्र शरण ले चुके हैं उनका किराया आरवीएनएल वहन कर रहा है। 





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