गौचर मेला 2025: विश्व प्रसिद्ध सात दिवसीय 73वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले का 14 नवम्बर 2025 को माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा शुभारम्भ किया गया। मेले में इष्ट रावल देवता की पूजा के बाद स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
जनपद चमोली आगमन पर गौचर हवाई पट्टी में जिलाधिकारी चमोली गौरव कुमार एवं पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पँवार द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अगुवाई की गई। इसके उपरांत मा0 मुख्यमंत्री द्वारा सेरिमोनियल ड्रेस में सुसज्जित चमोली पुलिस के जवानों की परेड का मान-प्रणाम ग्रहण किया गया। जिसके पश्चात मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान में पहुँचे, जहाँ उन्होंने सर्वप्रथम द्वीप प्रज्वलित किया व भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तदोपरांत डीएम व एसपी चमोली द्वारा मुख्यमंत्री धामी को स्मृति चिह्न भेंट किया गया।
जनसभा को संबोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने कहा “गौचर मेला उत्तराखण्ड की विशिष्ट एवं बहुआयामी सांस्कृतिक पहचान का जीवंत प्रतीक है। यह केवल एक मेला नहीं, बल्कि हमारी लोक संस्कृति, सामाजिक सरोकारों और सामुदायिक एकता का उत्सव है। ऐसे आयोजन हमारी परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों तक उन्हें गौरवपूर्ण रूप में पहुँचाने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं।” उन्होंने कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार और उद्योग इन तीनों के उत्कृष्ट समन्वय का अनूठा उदाहरण है, जिसके कारण यह एक प्रसिद्ध राजकीय मेला के रूप में देशभर में अपनी पहचान बनाए हुए है, और हर वर्ष यह मेला नई ऊँचाइयों को छू रहा है।
सात दिवसीय इस भव्य मेले में उच्च स्तरीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, हस्तशिल्प एवं उद्योग प्रदर्शनी, खेल प्रतियोगिताएँ, स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन तथा व्यापारिक अवसरों का विशेष समावेश रहेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारिता जगत में उत्कृष्ट कार्य करने पर वरिष्ठ पत्रकार हरीश मैखुरी को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ नंदकिशोर हटवाल को पंडित महेशानंद नौटियाल शिक्षा और साहित्य प्रसार सम्मान से सम्मानित किया।
गौचर मेला का इतिहास वर्ष 1943 से प्रारम्भ होता है, जब गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर के सुझाव पर इस मेले की आधारशिला व्यापारिक मेले के रूप में रखी गई। समय के साथ यह मेला औद्योगिक, सांस्कृतिक एवं व्यापारिक समन्वय का अनूठा प्रतीक बनकर आज देश-विदेश में अपनी अलग पहचान बना चुका है।
इस अवसर माननीय विधायक कर्णप्रयाग अनिल नौटियाल, विधायक थराली भूपाल राम टम्टा, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, राज्य मंत्री हरक सिंह नेगी, राज्य मंत्री बलवीर घुनियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी चमोली गौरव कुमार, पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत पँवार, मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष भाजपा गजपाल बर्त्वाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण खत्री, नगर पालिका अध्यक्ष कर्णप्रयाग गणेश शाह सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहें।

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