देहरादून : आधुनिकता की दौड़ में पीछे छूट रही अपनी परंपरा और संस्कृति को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार एक नई पहल शुरू करने जा रही है। छात्रों को भारतीय पारंपरिक ज्ञान, परंपरा और संस्कृति से जोड़े रखने के लिए आधुनिक शिक्षा के साथ ही गुरुकुलों की तर्ज पर हर जिले में एक-एक आवासीय मॉडल स्कूल बनाए जायेंगे। इन स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को भी शामिल किया जाएगा। इन विशिष्ट प्रकार के स्कूलों में एडमिशन के लिए भी मानक तैयार किये जायेंगे।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को विधानसभा भवन स्थित अपने कार्यालय में विभागीय शिक्षा बैठक में अधिकारियों को आवासीय मॉडल स्कूल का खाका तैयार करने के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री डॉ.रावत ने कहा कि इन मॉडल स्कूलों का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है। इन स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों के चरित्र निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा। यह पहल नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का डिजिटल डेटा सुरक्षित रखने के लिए "मानव संपदा पोर्टल" विकसित करने का निर्णय लिया गया। इस पोर्टल पर सभी कार्मिकों के पूरे सेवा काल का लेखा-जोखा सुरक्षित रहेगा। डॉ. रावत ने कहा कि इस पोर्टल से तबादलों और पदोन्नति की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और सभी कार्मिकों का डेटा एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा, जिससे विभागीय प्रक्रियाओं में समय की बचत होगी। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत तबादलों और अन्य प्रशासनिक निर्णयों को ऑनलाइन करने के लिए यह पोर्टल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) का विस्तार किया जाएगा. इसके तहत हर ब्लॉक के एक विद्यालय में एनसीसी की इकाई स्थापित की जाएगी। सरकार ने इन स्कूलों की स्थापना के लिए पर्याप्त भूमि और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन स्कूलों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का खाका जल्द तैयार करें। उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य में शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने और नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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