कमलेश जोशी
इस परिवर्तनशील संसार में जिसका जन्म हुआ है, उसका संसार से जाना निश्चित है। लेकिन जन्म लेना उसी का सार्थक है, जो अपने कार्यों से कुल, समाज और राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करता है।आदरणीय चेत राम शर्मा सिलोड़ी जी ने इस उक्ति को अक्षरश: चरितार्थ किया है।
चेतराम शर्मा जी उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार दीप सिलोड़ी के पिताजी थे। अपने पिता के पदचिन्हों पर आगे बढ़ते हुए दीप सिलोड़ी भी मीडिया के माध्यम से समाज के प्रति सेवा कार्य कर रहे है।
बता दें चेतराम शर्मा जी पिछले दो वर्ष से बीमारी से संघर्ष कर रहे थे लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी थी। बिमारी से जूझते जूझते आखिरकार 23 सितंबर की सुबह वे जीवन से हार गए और गौलोक को चले गए। इस दौरान उनका पूरा परिवार उनके साथ खड़ा रहा। उनकी पुण्य आत्मा की शांति के लिए परिवार द्वारा गरुड़ पुराण कथा का भी आयोजन किया गया जिसमें दक्षिणी दिल्ली प्रवासी समाज, संगठनों के साथ राजनीति एवं संस्कृति से जुड़े हुए व दिल्ली एनसीआर से उत्तराखंड समाज के सैकड़ों लोग उनके निवास छतरपुर पहुंचकर स्व० चैतराम शर्मा सिलोड़ी जी को याद करते हुए श्रद्धांजलि देने और श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचे।
देश सेवा से लेकर समाज सेवा में अपने समाज के लिए उत्कृष्ट कार्यो का जज्बा व जुनून शर्मा जी के जीवन में प्रत्यक्ष तौर पर देखने को मिला। एक लक्ष्य के साथ सामाज को जोड़ने की अद्भुत कार्य शैली बहुत कम देखने को मिलती है। समाजिक कार्यो के दौरान जब महसूस हुआ कि बिना राजनैतिक भागीदारी के समाज के हितो के लिए बेहतर कार्य करना बहुत कठिन है, ऐसे में उन्होंने दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भागीदारी करने का निर्णय लिया। उत्तराखंडी बहुल क्षेत्र कहे जाने वाले वार्ड पुष्प विहार को उम्मीदों के साथ अपने कर्म सेवा स्थल के रूप में चयन किया और चुनाव लडा लेकिन दुर्भाग्यवश अपने ही सामाज के निर्णायक भूमिका के बावजूद पराजय ने उन सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया जो भविष्य में समाज को राजनैतिक भागीदारी देने के लिए मजबूर करती लेकिन ऐसा नही हो सका।
इसे बाद भी समाज के लिए कुछ करने का जज्बा कम नही हुआ और छोटे छोटे संगठनो के बीच अपनी उपस्थिति देते रहे। विभिन्न संगठनो के बीच उत्तराखंड भ्राती समिती संगम विहार में एक बैठक के दौरान उपस्थित समाज जिसमे उपराखंडी संगम समाज उतराखंड महासंघ संगठनो के बीच सभी संस्थाओ को एक मंच एक बेनर के माध्यम से पूरी दिल्ली मे संगठन का विधानसभा स्तर पर गठन जी प्रस्ताव के साथ अपने विचार प्रस्तुत किए और एक बैठक जवाहर पार्क मे रखी गई जिसमें उत्तराखंड समाज एकता महासंघ दिल्ली प्रदेश के गठन और मात्र एक वर्ष मे 5 विधानसभाओ मे संगठन का पूर्ण गठन और समाज को सक्रिय तौर पर संगठित करते हुए कार्य करने की जो प्रेरणा और ऊर्जा का संचार किया उसे देखकर राजनैतिक दलों को भी समाज को राजनैतिक भागीदारी देने की आवश्यकता महसूस हुई और उत्तराखंड समाज को उन लोगो द्वारा भागीदारी देने को मजबूर होना पड़ा जो समाज को एक भीड़ का हिस्सा समझकर कोई महत्व न देकर दरकिनार करते रहते थे।
उनका संदेश था जब तक उत्तराखंड समाज एकता महासंघ दिल्ली प्रदेश का विस्तार पूरी दिल्ली की गली मोहल्ले तक नही होगा तब तक सामाज को सामाजिक राजनैतिक भागीदारी का लक्ष्य पूरा नही होगा, समय जरूर लगेगा लेकिन हमारे समाज की भावी पीढी अपने अधिकारो से बंचित नही रहेगी और हमारा समाज नेतृत्व विहीन नहीं रहेगा। सत्य, संयम और सेवा के अद्भुत सम्मिश्रण चेतराम शर्मा सिलोड़ी जी के लिए सदैव उतराखंड समाज का हित सर्वोपरि रहा। उनके जीवन का लक्ष्य स्पष्ट था। उनकी जीवन पद्धति तय थी-जो सबके हित में हो और स्वयं के लिए भी सुख देने वाला हो-ऐसा आचरण करो। अपने समाज के प्रति हर उतराखंडी का एक ही संदेश होना चाहिए, मेरे उत्तराखंडी समाज के जैसा कोई समाज नही।
जीवन पर्यंत इसी आदर्श पर चलने और समाज को एक दृष्टि व दिशा देने वाले आदरणीय स्व० चेतराम शर्मा सिलोड़ी जी आज भले ही हमारे बीच नहीं रहे हों, लेकिन उनके विचार, कार्य और उनकी दृष्टि हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी और हमारे साथ समाज को पूरी उम्मीद है कि उनका बेटा पत्रकार दीप सिलोड़ी उनके अधूरे सपनों को पूरा करेगा और उनकी ही तरह समाज के प्रति अपनी भागीदारियों को निभाएंगे।
पुनः स्वर्गीय चैतराम शर्मा सिलोड़ी जी को भावपूर्ण श्रद्धा सुमन।
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