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उत्तराखंड के इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए मिलेगा पद्मश्री

 

PADMA AWARDS 2024


PADMA AWARDS 2024 : उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार व साहित्यकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। डॉ. यशवंत ने 33 वर्षों तक शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। इतिहास के विशेषज्ञ व जानकार होने के साथ वे उत्तराखंड के इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में लंबे समय से कार्य कर रहे हैं और किताबों के माध्यम से उसे दुनिया के सामने लाकर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनको पद्मश्री दिए जाने पर इतिहासकारों, साहित्यकारों, शिक्षकों, लेखकों, लोक कलाकारों व संस्कृति कर्मियों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

डॉ.कठोच का जन्म 27 दिसम्बर 1935 को पौड़ी जनपद के एकेश्वर विकासखंड स्थित मांसों गांव में हुआ। उन्होंने 1974 में आगरा विश्वविद्यालय से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 1978 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के गढ़वाल हिमालय के पुरातत्व पर शोध ग्रंथ प्रस्तुत किया और विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डीफिल की उपाधि से नवाजा गया। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने 33 साल सेवाएं दीं। वर्ष 1995 में वह प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए।

डॉ. कठोच सेवानिवृत के बाद भी भारतीय संस्कृति, इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में निरंतर शोध कर रहे हैं। उन्होंने अब तक लगभग 12 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें मध्य हिमालय का पुरातत्व, उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद चिन्ह, मध्य हिमालय ग्रंथ माला मुख्य, उत्तराखंड का नवीन इतिहास मुख्य हैं। उत्तराखंड का नवीन इतिहास पुस्तक ने उन्हें एक अलग पहचान दी। इस पुस्तक में उन्होंने वह सब शोध को बारीकी से लिखा जो एटकिंसन के हिमालयन गजेटियर में लिखना छूट गया था। इसके साथ ही डॉ. कठोच 50 से अधिक शोध पत्रों का वाचन भी कर चुके हैं।   वह वर्ष 1973 में स्थापित उत्तराखंड शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य हैं

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