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CHAMOLI : जोशीमठ विकासखंड के अंतर्गत उर्गम घाटी जिसे कल्पक्षेत्र भी कहा जाता हैं। यहां करीब दस हज़ार फीट की ऊंचाई पर जंगलों के बीच भगवान विष्णु का मंदिर स्थित है, जिसे फ्यूंलानारायण धाम के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के कपाट साल में एक बार सावन माह की संक्रांति को खुलते है और डेढ माह बाद नंदा अष्टमी के दिन मंदिर के कपाट एक वर्ष के लिए बंद हो जाते है। रविवार 24 सितंबर 2023 को फ्यूंलानारायण मंदिर के कपाट पूरे विधि विधान व पूजा अर्चनाओं के साथ बंद कर दिए गए हैं। मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान नारायण का श्रृंगार कन्याओं द्वारा किया जाता है।
रविवार को मंदिर के पुजारी अब्बल सिंह पंवार द्वारा पूजा अर्चना के बाद भगवान को बालभोग व राजभोग लगाने के साथ ही कपाट बंद करने के प्रक्रिया शुरू की जिसके बाद दोपहर 2:30 मिनट पर भगवान फ्यूंलानारायण के कपाट बंद कर दिए गए हैं।
इस दौरान मंदिर परिसर में मौजूद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर मनोकामनाएं मांगी।
हिमालय में भगवान नारायण का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसके कपाट साल में मात्र डेढ़ माह के लिए खुलते हैं। कपाट बंद होने पर कुंआरी कन्याओं द्वारा फूलों से भगवान नारायण का श्रृंगार किया जाता है। इस मंदिर में पूजा-अर्चना का अधिकार ठाकुर जाति के पुजारियों का है।
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