ANKITA BHANDARI MURDER CASE : पिछले वर्ष चर्चित वनन्तरा केस में दरिंदगी की शिकार हुई श्रीकोट पौड़ी निवासी अंकिता भंडारी की पहली पुण्यतिथि पर प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने अंकिता के हत्यारोपितों को कड़ी सजा देने की मांग की। आज एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी अंकिता के हत्यारोपितों को सजा नहीं मिल पाई इस बात को लेकर लोगों में आक्रोश भी है।
हालांकि उस समय जनता के दवाब में पुलिस ने हत्यारोपितों को अरेस्ट तो कर लिया किंतु तब से लेकर अभी तक इस केस में प्रशासन द्वारा लीपापोती ही की जाती रही है। मुख्यमंत्री जी बार बार कहते हैं कि बेटी अंकिता को हम न्याय दिलाकर रहेंगे तो फिर क्यों उन्हें बचाया जा रहा हैं जिन वीआईपियों का इस प्रकरण में शामिल होने का जिक्र हुआ है। अंकिता के गरीब माता पिता आज भी न्याय की आस लिए भटक रहे हैं और अपनी बेटी अंकिता की बरसी पर इस पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने व सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे है। आज एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी अंकिता के हत्यारोपियों को सजा नहीं मिल पाई।
कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी करने से क्या उसे न्याय मिलेगा
नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर रखने से उसे न्याय नहीं मिलेगा। इससे तो प्रदेश की जनता यही समझ रही है कि ऐसा कर अंकिता के माता पिता पर केस को वापिस लेने का दवाब बनाया जा रहा है। अंकिता की हत्या के सारे साक्ष्य जब मौजूद है तो क्या उसका गरीब होना उसके न्याय के बीच दीवार बन रहा है ? या फिर सरकार अपने किसी खास व्यक्ति को बचाने का प्रयास कर रही है। ये सवाल अंकिता की बरसी पर श्रद्धांजलि सभाओं में प्रदेश की जनता उठा रही है। लोगों का तो ये भी कहना है कि जिन वीआईपियों का नाम इस केस से जुड़ा है पार्टी ने उनके नाम उजागर करने के बजाये उन्हें पार्टी के अंदर पदोन्नति देकर एक बेटी का मजाक बनाया है।
सवाल ये भी है कि किस मानक पर सरकार नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम से रख रही हैं। इस केस से जुड़े कई पत्रकारों को प्रलोभन देकर या फिर धमकाकर चुप करा दिया गया है।
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