कर्णप्रयाग : नंदा देवी राजजात प्रकरण में चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की मुश्किलें बढ़ी । उनके खिलाफ हो रही जांच हुई पूरी। उनपर वर्ष 2012-13 की नंदा देवी राजजात यात्रा के दौरान टेंडर प्रक्रियाओं में अनियमितता का आरोप लगा है। इस मामले में शासन ने उनके खिलाफ गढ़वाल कमिश्नर को जांच सौंपी थी। जांच पूरी होने के बाद शासन ने नोटिस भेजकर उनसे 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है।
अपर सचिव पंचायतीराज ओंकार सिंह ने बताया कि नोटिस का जवाब मिलने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ कारवाई हो सकती है। उन पर वर्ष 2012-13 की नंदा देवी राजजात यात्रा के दौरान टेंडर प्रक्रियाओं में अनियमितता का आरोप है। आरोप है जिला पंचायत के कार्यकाल में न्यूनतम निविदादाता के स्थान पर मनमाने तरीके से उच्च दर प्रस्तुत करने वाले निविदादाताओं को चयनित करने के बाद अनुबंध किया गया।
मामले की कुछ स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद शासन ने गढ़वाल कमिश्नर को जांच के आदेश दिए थे। कमिश्नर प्रकरण की जांच पूरी कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं। शासन ने इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष को 15 दिन के भीतर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
बता दें कि इन आरोपो के चलते रजनी भंडारी को 25 जनवरी 2023 को पद मुक्त कर दिया था। हालांकि उनको कुछ दिन बाद ही हाईकोर्ट से इस आधार पर राहत मिल गई थी कि उन्हें हटाने में विभाग ने एक्ट का पालन नहीं किया है। जिसके बाद शासन ने भंडारी के खिलाफ गढ़वाल कमिश्नर को जांच के आदेश दिए थे ।
सूत्रों के मुताबिक गढ़वाल कमिश्नर ने यह जांच 23 मई को अंतिम जांच के रूप में पूरी कर दी थी जिसके बाद अब जुलाई के पहले हफ्ते में न्याय विभाग ने भी इसपर अपना परामर्श दे दिया था। न्याय विभाग ने स्पष्ट किया है कि गढ़वाल आयुक्त की जाँच के अनुसार स्व-निर्णय लेते हुए उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही निष्पादित कर सकता है जांच में रजनी भंडारी द्वारा पद का दुरुप्रयोग करके टेंडर आबंटन में घपला करना पाया गया है।
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