PAURI : पहाड़ की महिलाएं ही नहीं पहाड़ की बेटियां भी अपनी हिम्मत से कुछ भी कर गुजरने का मादा रखती है। रा.ई.का.चोपड़ा कंडारस्यू में 11 वी कक्षा में पढ़ने वाली 16 वर्षीय भारती ने भी पहाड़ जैसी हिम्मत रख अपनी जान की परवाह किए बिना बाघ के जबड़े से अपनी बकरी को खींच लिया ।
जानकारी के अनुसार चोपड़ा कंडारस्यू की भारती स्कूल की छुट्टी रहने के कारण गाय बकरी को लेकर जंगल घास चुगाने गई थी। वापसी के समय जब वह वीरान जंगल से अकेले ही अपने मवेशियों को लेकर घर लौट रही थी तो घात लगाए बैठा बाघ एक छोटे मेमने को अकेला देख अचानक से उस पर झपट पड़ा। मेमने की आवाज सुन भारती अपने परिवार के छोटे सदस्य को बचाने दौड़ी । अपनी जान की परवाह किए बिना वह बाघ के मुंह से मेमने को खींचने की कोशिश करने लगी । लेकिन बाघ की शक्ति के आगे वो बेबस थी । इतने में उसने दिमाग से काम लेते हुए पत्थर से तेंदुए के सर पर प्रहार किया और मेमने को उसके जबड़े से खींचने में कामयाब रही। किंतु घायल मेमने को वो बचा न सकी।
लेकिन उसके साहस के आगे बाघ भी हार गया और झाड़ियों में घुस कर अदृश्य हो गया । भारती के साहस और अपने मवेशी के प्रति जांबाजी को देखते हुए उसकी बहादुरी के चर्चे क्षेत्र सहित पूरे जिले में हो रहे हैं।

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