DEHRADUN : सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर धामी सरकार एक्शन मोड़ में है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर आईटीडीए व यूसैक एक सेटेलाइट पोर्टल तैयार कर रहा है। अब इस सेटेलाइट के माध्यम से सरकारी जमीनों पर धीरे-धीरे होने वाले अवैध कब्जे और अवैध निर्माण को आसानी से पकड़ा जाएगा। सरकार के सभी विभाग अपनी अपनी जमीनों के रजिस्टर और डिजिटल इन्वेंटरी तैयार कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही सीएम ने सभी विभागों को अपनी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के लिए विशेष प्रयास करने, सेटेलाइट का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रशासन ने बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों को अवैध कब्जों से बचाने के लिए एक आदेश जारी किया था।
इसके तहत राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय और सभी जिलों के डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इसी आदेश के तहत उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) और सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने काम शुरू कर दिया है।
यूसैक और आइटीडीए द्वारा एक ऐसा पोर्टल तैयार किया जा रहा, जो तीन तीन महीने के अंतराल में सभी सरकारी जमीनों का सेटेलाइट डाटा लेगी। इस डाटा का मिलान वेबसाइट से किया जायेगा। जहां जहां भी अवैध कब्जे दिखाई देंगे, वहां के लिए यह सॉफ्टवेयर अलर्ट जारी कर देगा। उस अलर्ट के मुताबिक संबंधित जनपद की टीम अवैध कब्जों पर उचित कार्यवाही कर उसकी रिपोर्ट वेबसाइट पर देगी।
एआई आधारित प्रक्रिया में जमीनों पर अवैध निर्माण या कब्जों के तीन तरह के अलर्ट आएंगे। पहला अलर्ट महत्वपूर्ण चेतावनी होगी, जो अत्यधिक निर्माण या कब्जों पर आएगा। उससे कम कब्जों पर मध्यम और निम्नतम स्तर के अलर्ट आएंगे। सभी अलर्ट पर संबंधित जिलों के अफसरों को मौके पर जाकर कार्यवाही करने के बाद रिपोर्ट अपलोड करनी होगी।
सभी सरकारी जमीनों को एक यूनिक नंबर होगा और सभी विभाग अपनी भूमि संपत्ति का रजिस्टर बनाएंगे। प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है जो सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का काम करेगी । टेक्निकल मदद के लिए राजस्व परिषद में अलग प्रकोष्ठ बनाया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव के स्तर पर कमेटी गठित की गई है। दोनों कमेटियां अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्रवाई की नियमित निगरानी रखेंगी।

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