कर्णप्रयाग : अग्निवीर की लिखित परीक्षा में असफल होने पर उत्तराखंड के युवक ने हताशा में जहर खा अपनी जान दे दी। अपनी इस हताशा का उसने सोशल मीडिया पर वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें वह कह रहा है कि उसने इस परीक्षा के लिए 5 साल से तैयारी की थी और फिसिकल में पूरे नबंर आने व एनसीसी का सी सर्टिफिकेट होने के बाद भी मुझे असफल कर दिया गया ये सरासर सिस्टम की लापरवाही है। अब मुझे मौत के सिवा कोई रास्ता नहीं दिख रहा।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के कपकोट थाना क्षेत्र के अंतर्गत फरसाली मल्ला गांव के 19 वर्षीय निवासी कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गिरी गोस्वामी पिछले पांच साल से सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा था। विगत अगस्त माह में उसने अग्निवीर भर्ती के तहत फिजिकल परीक्षा में पूरे सौ अंक प्राप्त किये थे। लेकिन सोमवार को लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ जिसमें उसे सफलता नहीं मिली जिसके चलते उसने हताशा में अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी।
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कमलेश के परिजनों ने बताया कि रिजल्ट आने के बाद उसने सोशल मीडिया में कुछ स्टेटस डाले थे जिसे देखने के बाद हम समझ गए थे कि वो तनाव में है। ऐसे में हमने किसी अनहोनी की आशंका से उसकी तलाश की तो हमें वो घर के पास ही तड़पता हुआ मिला। उन्होंने ने बताया कि उसने सल्फास की गोलियां खा ली थी। उसकी हालत देख परिजन उसे आनन-फानन में कपकोट चिकित्सालय ले गए जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान ही रात में कमलेश ने दम तोड़ दिया। कपकोट थाना प्रभारी विवेक चंद्र ने बताया कि उन्हें इसकी सूचना अस्पताल से मिली थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
यहां हम युवाओं को कहना चाहते हैं कि संघर्षों का नाम ही जीवन है इसलिए असफलता में निराश होने की बजाए नई संभावनाओं को तलाशें। किसी मार्ग में यदि जटिलताएं हैं तो दूसरे मार्ग से जाना ही उचित रहता है। अतः असफलता को चुनौती समझकर आगे बढ़ें।
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