गढ़वाल से आई शिक्षिकाओं का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में किया सम्मान
दिल्ली : दिल्ली में गत कुछ वर्षों से डीपीएमआई चेयरमैन डॉ. विनोद बछेती के सौजन्य से उत्तराखंड एकतामंच और उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच द्वारा अपनी बोली भाषा को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए ग्रीष्मकालीन कक्षाओं का आयोजन करती आ रही है जिसका धीरे धीरे प्रसार प्रचार हो रहा है और उत्तराखंडी बच्चे भी अपनी मातृभाषा की और आकर्षित हो रहे हैं। उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच के तत्वाधान में इस बार उत्तराखंड के देहरादून, श्रीनगर और नागनाथ पोखरी चमोली में भी कुछ शिक्षिकाओं ने नॉन गढ़वाली कुमाउनी बच्चों को गढ़वाली कुमाउनी भाषा की शिक्षा प्रदान की। कल दिल्ली के विनोद नगर में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षकों के सम्मान में एक आयोजन रखा गया था जिसमें इन शिक्षिकाओं का भी सम्मान किया गया।
गढ़वाल से आई शिक्षिकाओं संगीता फरासी कोठियाल, कुसुमलता गडिया, सुनीता बहुगुणा और उषा गौड़ का गढ़वाल भवन पंचकुइया रोड आगमन पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम चंद्रा और प्रताप थलवाल, अनिल पंत ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया तत्पश्चाल उनका परिचय गढ़वाल हितैषिणी सभा की कार्यकारिणी से कराया गया। सभा की कार्यकारिणी उनसे मिलकर काफी प्रभावित हुई और उन्होंने भी शिक्षिकाओं को शॉल ओढ़ाकर तथा शुभांकर पहनाकर सम्मानित किया।
प्रेम चंद्रा, प्रताप थलवाल और अनिल पंत शिक्षिकाओं को ससम्मान बद्रीनाथ मंदिर विनोद नगर सभा स्थल तक लेकर गए। अपने सम्मान और नेक व्यवहार के लिए शिक्षिकाओं ने गढ़वाल हितैषिणी सभा और सामाजिक कार्यकर्ताओं को तहेदिल से धन्यवाद किया।
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