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भू-कानून अभियान को दिया जायेगा एक आंदोलन का स्वरुप


भू-कानून अभियान को दिया जायेगा एक आंदोलन का स्वरुप 

नई दिल्ली: भू-कानून संघर्ष समिति (दिल्ली एनसीआर) की ओर से रविवार को  गढ़वाल भवन नई दिल्ली मे बरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी अनिल पंन्त की अध्यक्षता मे एक बैठक आयोजित की गई जिसमें सभी ने भू कानून अभियान को उत्तराखंड के  गांव गांव तक पहुँचाने के लिए एकजुट एकमुट होकर अपने अपने विचार रखे। सभी के विचारों का सम्मान करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनी। 


इन मुद्दों  पर बनी आम सहमति 

1-जिसमे भू कानून की विस्तृत जानकारी जन जागरुकता अभियान,  के तहत ब्लॉक,गाँव, जिला, स्तर पर शुरू किया जाए।  

2-जड़, जंगल, जमीन की लड़ाई मे घर घर सदस्यता अभियान चलाया जाए।

3-भू कानून संघर्ष से संबंधित सभी संस्थाओं से  संपर्क कर एकजुट होकर संघर्षों की आवाज को बुलंद कर विस्तार देना।

 4-समस्त जिलों मे जिलाधिकारी उपजिलाधिकारी के माध्यम से  ज्ञापन प्रेषित किये जायेंगे। 

5-प्रधानमंत्री कार्यालय, पर ज्ञापन दिया जाएगा।

6-उत्तराखंड के सभी सांसदो को पुराने ज्ञापनों पर कोई प्रतिक्रिया न देने पर  पुनः स्मरण कराने हेतु  पुरानी प्रतिलिपि संलग्न कर पुनः ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा।

बैठक में कई साहित्यकार और कवी भी उपस्थित थे जिन्होंने भी इन मुद्दों पर अपनी राय रखी और इस अभियान को जोर देने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया।  बैठक में सभी सदस्यों ने इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जल-जंगल, जमीन, भू- कानून से सम्बंधित गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी भाषा में एक कवि सम्मेलन जल्द आयोजित करने का विचार रखा।

इस बैठक मे जगत बिष्ट, रजनी जोशी, सरिता कठैत, प्रेमा धोनी,मोहन जोशी,रविन्द्र चौहान,गिरिराज संतवाल,पदम बिष्ट,रोशनी चमोली, जीके खंतवाल, मनोज आर्य आदि सदस्य उपस्थित रहे। 









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