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भारी बारिश के कारण मलबा और बोल्डर गिरने से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग हुआ बंद

 


भारी बारिश के कारण मलबा और बोल्डर के गिरने से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग हुआ बंद 

कर्णप्रयाग : उत्तराखंड में लगातार हो रही मानसून की बारिस से जगह-जगह मलबा और पत्थर गिरने से यात्रियों और स्थानीय लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। एक और जहां बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग से आगे तीन दिनों से बंद है वहीं बदरीनाथ से पहले खचड़ा नाले के पास भी कल दोपहर से मार्ग अवरुद्ध है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि मौसम सामान्य होने पर वाहनों की आवाजाही शुरू करा दी जाएगी। वहीं बीआरओ की ओर से हाईवे खोलने का कार्य जारी है।

सूत्रों के मुताबिक भारी बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे पर खचड़ा नाले में मलबा और बोल्डर आने से हाईवे बंद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस प्रशासन ने चट्टान से लगातार बोल्डर और मलबा गिरता देख खचड़ा नाले से पहले ही वाहनों की आवाजाही रोक दी है। जबकि लामबगड़, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर में करीब 600 यात्रियों को रोक दिया गया है।

बृहस्पतिवार दोपहर साढ़े तीन बजे बदरीनाथ हाईवे पर खचड़ा नाले में चट्टान से बोल्डर और मलबा गिरना शुरू हो गया था। खतरे को भांपते हुए पुलिस प्रशासन ने यहां वाहनों की आवाजाही पर तुरंत रोक लगा दी।  बदरीनाथ धाम से लौट रहे वाहनों को लामबगड़ व बदरीनाथ धाम में तथा धाम जा रहे वाहनों को गोविंदघाट और पांडुकेश्वर में रोक दिया गया है।

प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों के ठहरने और खाने की व्यवस्था गोविंदघाट गुरुद्वारे में की गई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि हाईवे खुलते ही वाहनों की आवाजाही सुचारु करा दी जाएगी। वैसे बताया जा रहा हैं कि शाम पांच बजे बारिश तो थम गई थी लेकिन खचड़ा नाले के समीप चट्टान से लगातार मलबा और बोल्डर छिटक कर हाईवे पर आ रहे हैं।

रुद्रप्रयाग के पास भी 3 दिनों से मार्ग बंद 

वहीं बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग से सात किमी दूर नरकोटा के पास भी तीन दिनों से बन्द पड़ा है।  यहां पर पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिस कारण सड़क मार्ग को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं जिस कारण रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद में आवश्यक सामग्री ढोने वाले वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। ऐसे में स्थानीय जनता अपनी जान को जोखिम में डालकर जंगल के रास्ते अपने गंतव्य को जाने के लिए मजबूर है। 

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