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सोशल मीडिया पर साइबर ठग अपना रहे नए नए हथकंडे बरतें सावधानी

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सोशल मीडिया पर साइबर ठग अपना रहे नए नए हथकंडे बरतें सावधानी 

हरीश असवाल 
9711049008 
(वरिष्ठ मीडिया प्रभारी दिल्ली) 
मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन 

नई दिल्ली : इक्कीसवी सदी में भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व डिजिटल हो गया है ऐसे में युवा पीढ़ी ऑनलाइन सोशल मीडिया पर इतना एक्टीव हो गई है कि वो उनकी कमजोरी बनती जा रही है। चकाचौंध भरी इस डिजिटल दुनिया में उन्हें सब कुछ घर बैठे फटाफट मिल जाता है। उनकी इसी कमजोरी का फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं। ये ठग सोशल मीडिया पर लोगों को नए नए लुभावने ऑफर देकर उन्हें फ़साने का काम कर रहे हैं। और लोग इनके जाल में फंसकर अपना बहुत कुछ गंवा देते हैं। 

हालांकि सरकारों के साथ साथ साइबर क्राइम ब्रांच व मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन जैसी अन्य संस्थाएं इस तरह के ठगों से बचने के लिए लोगों को समय-समय पर जागरूक करते रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भी लोग साइबर ठगों के जाल में इस कदर तक  फंस रहे हैं कि जब तक उनको होश आता है तब तक वो अपना सब कुछ लुटा बैठते हैं। और कुछ लोग तो शर्म और बदनामी के डर से आत्महत्या तक का बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं। 

आजकल अधिकतर देखने में ये आ रहा है कि ये साइबर ठग फेसबुक या व्हाट्सअप से लड़के लड़कियों को दोस्ती करने का संदेश भेजते हैं और फिर धीरे धीरे वह अपना आपराधिक प्यार का जाल बिछाना शुरू करते हैं और जब कोई व्यक्ति इनके जाल में फंस जाता है तो ये लोग उसका अश्लील फोटो या वीडियो बना लेते हैं और फिर शुरू होता है इनका ब्लॅकमेकिंग का खेल। ये इतने मंझे हुए शिकारी होते हैं कि अपने शिकार को पता ही नहीं चलने देते कि कब वो इनके जाल में फंस गया। ये लोग अपने जाल में फंसे व्यक्ति को उसकी अश्लील फोटो और वीडियो उसके परिवार व रिश्तेदारों के बीच वायरल कर देने की धमकी देकर डराते है और फिर उन्हें समझौते के तौर पर शुरू में 20-30 हज़ार रूपये देने को कहते हैं ताकि उसकी आर्थिक स्तिथि का अंदाज़ा लग सके। व्यक्ति कही न कहीं से इनकी डिमांड को पूरी करते है।

एक बार यदि आपने इन्हे पैसे दे दिए तो फिर  ये लोग आपको फ़ोन कर क्राइम ब्रांच   की हेल्पलाइन बताकर धमकाते हैं और आपके खिलाफ कई आपराधिक धाराएं  लगाने, पुलिस स्टेशन तथा कोर्ट के हाज़िर होने के लिए गैर जमानती वारंट की बात कर डराते हैं साथ ही परिचितों को बताने की बात करते हैं ऐसा न करने के लिए मोटी रकम देने को कहते हैं और रकम न देने पर हत्या तक करनी की धमकी इन ठगों द्वारा दी जाती है। जिससे पीड़ित व्यक्ति मानसिक रूप से इतना दहशत में आ जाता है कि वो पुलिस में शिकायत करने से भी डरता है और फिर तनाव में अपना आप खो ख़ुदकुशी करने को मजबूर हो जाता है। यदि आप भी किसी साइबर ठग के जाल में फंस गए हैं तो घबराइए नहीं निसंकोच इसकी शिकायत पुलिस में या क्राइम कण्ट्रोल आर्गेनाइजेशन में करें आपको जरूर समाधान मिलेगा। 

मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के वरिष्ठ मीडिया प्रभारी हरीश असवाल ने बताया कि उनका संगठन इस तरह के मामलों में पीड़ितों की मदद करता है। उन्होंने बताया कि हमारे संगठन के सामने इस तरह के अनेकों मामले आये हैं जिस पर संगठन ने संज्ञान लेते हुए साइबर सेल की मदद से पीड़ितों को इंसाफ दिलाया है। अगर आप धोखे से इन ठगों की गिरफ्त में आ भी जाते हैं तो आप शीघ्र ही मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन दिल्ली में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा पुलिस में भी अपनी समस्या बताकर शिकायत दर्ज करवाएं। आप सभी से कहना चाहेंगे कि इस तरह के अपराधियों से घबराएं नहीं बल्कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाकर अपराध पर नियंत्रण करने में मदद करें। मानव अधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन दिल्ली आपकी सेवा में तत्पर है। 

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