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गढ़वाल हितैषिणी सभा दिल्ली ने शताब्दी दिवस पर किया शुभंकर का लोकार्पण व भव्य हांस्य कवी सम्मलेन


गढ़वाल हितैषिणी सभा दिल्ली ने शताब्दी दिवस पर किया शुभंकर का लोकार्पण व भव्य हांस्य कवी सम्मलेन 

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में उत्तराखंड प्रवासियों की सबसे पुरानी संस्था गढ़वाल हितैषिणी सभा अपने सौवें वर्ष में पदार्पण कर रही है इस उपलक्ष में संस्था द्वारा शुभंकर का लोकार्पण और हास्य कवी सम्मलेन के साथ साथ होली मिलन कार्यक्रम का आयोजना गढ़वाल भवन पंचकुइया रोड दिल्ली में आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिंदी-संस्कृत और गढ़वाली, ,कुमाउनी, जौनसारी भाषा अकादमी के सचिव, जीतराम भट्ट , दिल्ली उच्च न्यायलय के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोडा, दिल्ली पुलिस के एसपी ललितमोहन नेगी संस्था के पूर्वमहामंत्री महावीर सिंह राणा, अध्यक्ष अजय बिष्ट और कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने द्वीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया तथा शताब्दी वर्ष के शुभंकर का लोकार्पण भी किया।  इस बीच दर्शकों से खचाखच भरा सभागार तालियों की कृतल ध्वनि से गूंज उठा। 


संस्था के अध्यक्ष अजय सिंह बिष्ट ने सभागार में उपस्थित जनसमूह का हार्दिक स्वागत किया और संस्था के नीति निर्धारकों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी मेहनत से सामाजिक व सांस्कृतिक धरोहर के साथ साथ अपनी बोली भाषा के उत्थान व संवर्धन के लिए  इस संस्था की नीव सन 1923 में  लाहौर में रखी  तथा विभाजन के बाद से ही दिल्ली के पंचकुइया रोड पर गढ़वाल भवन से अपने समाज हितों के लिए सदैव तत्पर है। 2023 में संस्था के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में हमने समाज के सभी लोगों के साथ शताब्दी दिवस की खुशियों में शरीक होने के लिए और इस वर्ष को यादगार बनाने के लिए प्रबुधजनों के विचारों को जानने के लिए यह कार्यक्रम रखा है। संस्था के द्वारा पिछले कुछ वर्षो से पहाड़ के बच्चों की शिक्षा के लिए कई उचित कदम उठाये गए।  हम विधार्थियों के लिए हर वर्ष कॉन्सलिंग  प्रोग्राम सहित दसवीं बारवी में उच्चतम अंकों के साथ उत्तीर्ण विधार्थियों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें सम्मानित भी करते हैं। इसके साथ ही समाज के सांस्कृतिक व सामाजिक  प्रोग्रामों एवं शादी विवाह के लिए गढ़वाल भवन सदा उपलब्ध रहता है।  इसके अलावा उत्तराखंड हो या दिल्ली एनसीआर सभी जगह संस्था अपने सामाजिक दायित्व को भी निभाती आयी है। 

 इस अवसर पर उपस्थित हिंदी-संस्कृत, गढ़वाली-कुमाउनी और जौनसारी भाषा अकादमी के सचिव जीतराम भट्ट, उच्च न्यायलय के अधिवक्ता संजय शर्मा, भाजपा जिला मयूरविहार के जिलाध्यक्ष डॉ. विनोद बछेती, एसीपी स्पेशल ब्रांच दिल्ली पुलिस ललित मोहन नेगी, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के चेयरमैन वीर सिंह पंवार ने अपने अपने विचार रखे सभी ने एक स्वर में कहा की निश्चित रूप से संगठन में शक्ति होती है इसलिए हमें अपने अलग अलग क्षेत्रों के प्रबुधजनों को एकजुट कर शदाब्दी वर्ष में एक भव्य आयोजन कर इसे यादगार लम्हों में बांधा जाए। साथ ही सभी ने अपनी बोली भाषा को बढ़ावा देने  के लिए कहा कि हम सभी को चाहिए की अपनी बोलचाल में अपनी भाषा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें तांकि हमारी भावी पीढ़ी भी इससे जुड़ सके। 


भव्य कवी सम्मलेन और होली मिलन समारोह 

संस्था ने अपने साहित्य के संवर्धन पर अधिक ध्यान देने के मकसद से ही साहित्य सचिव की नियुक्ति की है और भागीरथी हाल में पहली बार उनके सानिध्य में एक भव्य हांस्य कवी सम्मलेन का आयोजन किया गया।  जिसमें उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ कवियों ललित केशवान, रमेश घिल्डियाल, मदन डुकलान, जयपाल सिंह रावत (छिपड़ दा),कुंज बिहारी मुंडपी, पृथ्वी सिंह केदारखण्डी, दिनेश ध्यानी, बृजमोहन शर्मा, विरेंद्र जुयाल उपिरि और मीनाक्षी खंतवाल, डॉ. कुसुम भट्ट  को मंच पर आमंत्रित कर संस्था के अध्यक्ष अजय बिष्ट व कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारियों द्वारा पुष्पमाला और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया तत्पश्चाल कवियों ने दिल को छूती अपनी रंग बिरंगी कविताओं से दर्शकों को पहाड़ के रंगों से सराबोर कर दिया। 

इस बार ये पहला मौका देखने को मिला कि गढ़वाली कवियों को सुनने के लिए लोग अपनी सीटों पर चिपके थे और तालियों के साथ उनका उत्साह बढ़ा रहे थे यही कारण है कि कवियों ने तय समय से अधिक देर तक लोगों को मंत्रमुग्ध किये  रखा। कवी सम्मलेन के तुरंत बाद होली मिलन कार्यक्रम हुआ जिसमें संस्था के पदाधिकारियों ने सब पर फूलों की वर्षा कर  माहौल को फागुन के रंगों में रंग दिया। 

इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन आजाद नेगी, मनोरमा भट्ट और युवा कवि विरेंद्र जुयाल उपिरि के द्वारा किया गया।      

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