फोटो साभार देवभूमिसंवाद
गणतंत्र दिवस पर दिखेगी उत्तराखंड की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत को दर्शाती झांकी
देहरादून: राजपथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली परेड में एक बार फिर आपको देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक विरासत की झलक देखने को मिलेगी । उत्तराखंड की झांकी को इस बार भी परेड में शामिल किया जा रहा है। इस झांकी में आपको आस्था के प्रतिक बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब के साथ ही ऐतिहासिक टेहरी डैम और डोबरा-चांठी पुल नजर आएंगे।
इस बार परेड को सिमित रखने का निर्णय लिया गया है। 12 राज्यों में से उत्तराखंड की झांकी का चयन हुआ है जो कि प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अब तक 13 वीं बार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाने का हिस्सा बनेगी। प्रदेश पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि लोगों की आस्था का प्रतीक बदरीनाथ मंदिर, हेमकुंड साहिब, और ऐतिहासिक धरोहर तेहिरी डैम, डोबरा-चांठी पुल उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा के साथ ही विकास को दर्शाती नज़र आती है । झांकी के माध्यम से देशवासियों को उत्तराखंड की भव्यता और दिव्यता को दिखाने का प्रयास किया गया है।
भारत के रक्षा मंत्रालय द्वारा देश की राजधानी के राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में विभिन्न प्रदेशों एवं मंत्रालयों की झांकी के कलाकारों ने पत्रकारों के समक्ष अपने-अपने राज्यों की सांस्कृतिक झलक पेश की। इसमें उत्तराखंड की झांकी के साथ 16 लोक कलाकारों ने वहां की पांरपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया।उत्तराखंड सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं झांकी मामलों के नोडल अधिकारी केएस चौहान का कहना था कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर उत्तराखंड की ओर से प्रदर्शित की जाने वाली झांकी का विषय ‘‘देवभूमि उत्तराखंड'' रखा गया है। बताया कि हमारी झांकी के अग्र भाग में सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा दिखाया गया है। वहीं मध्य भाग में टिहरी बांध की झील पर बने 440 मीटर लंबे डोबरा चांठी पल को दिखाया गया है, जो टिहरी गढ़वाल जिला मुख्यालय और प्रताप नगर क्षेत्र को जोड़ता है। टिहरी बांध देश का सबसे ऊंचा और दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा बांध है। झांकी के अंतिम भाग में बद्रीनाथ मंदिर के साथ किनारे वाले हिस्से में चारधाम ऑल वेदर रोड़ को भी दिखाया गया है।
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