करंट पोस्ट

8/recent/ticker-posts

करोनाकाल में असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आए समितियों के कोरोना योद्धाओं को म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति ने किया सम्मानित

 


करोनाकाल में असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आए समितियों के कोरोना योद्धाओं को म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति ने किया सम्मानित  

नई दिल्ली: रविवार 5 दिसम्बर 2021 को म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति (पंजी.) की ओर से कोरोना योद्धा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समिति की ओर से वेस्ट विनोद नगर के दुर्गा माता मंदिर में आयोजित इस समारोह में दिल्ली एवं एनसीआर में कार्यरत ऐसी सामाजिक संस्थाओं /समितियों व विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना समाज के लिए काम किया। इन समितियों और विशिष्ठजनों को 'कोरोना योद्धा प्रशस्ति पत्र और पुष्प गुच्छ सम्मान स्वरूप  भेंट किये गए । कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रसिद्ध रंगकर्मी हेम पंत ने किया।

बता दें कि इन संस्थाओं और कुछ प्रमुख लोगों ने कोरोनाकाल में जरूरतमंदों के लिए भोजन, दवाएं, मास्क, सेनेटाइजर, आने-जाने के साधन जुटाने के साथ ही इस महामारी की चपेट में आए लोगों को अस्पतालों में भर्ती करवाकर उनका इलाज करवाने और उन्हें इस गंभीर बीमारी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यही नहीं समाज के लिए दिन रात काम कर रही इन संस्थाओं ने जागरूकता अभियान चलाकर सरकार द्वारा जारी गाइड लाइनों का पालन करवाने के लिए घर घर जाकर प्रेरित भी किया साथ ही लोगों को इस गंभीर बीमारी से बचाव के उपाय बताए और निराश-हताश लोगों का हौंसला भी बढ़ाया। 

कुल 70 संस्थाओं और विशिष्ठजनों को कोरोना योद्धा सम्मान से सम्मानित किया गया। कोरोनाकाल में इन संस्थाओं और लोगों ने असहाय, हताश और निराश लोगों की मदद करने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। सम्मान समारोह का सभी संस्थाओं के प्रमुखों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर गणेश वन्दना के साथ किया गया।



सम्मानित होने वाली संस्थाएं 

करोना काल में उत्कृष्ट सेवाएं देने की लिए जिन संस्थाओं को समिति द्वारा सम्मानित किया गया उनमें प्रमुख रूप से - जागृति लीला मैमोरियल फाउंडेशन, देवभूमि उत्तराखड एकता मंच, कल्याणी सामाजिक संस्था, उत्तरांचल भ्रात्रि सेवा संस्थान, यूके टीम इंडिया, कुमाऊं जनमंडल समिति, गढ़ कुमाऊं युवा समिति, गढ़वाल हितैषिणी सभा, भयात एनजीओ, शिक्षा से श्खिर तक, उत्तराखंड आवाज मंच, उत्तरांचल नवयुवक धार्मिक रामलीला कमेटी, कलश कलाश्री, बिजनेस उत्तरैणी, कुमाऊं सांस्कृतिक कला मंच, उत्तराखण्ड जन संरक्षण समूह, शांभवी समाज सेवा समिति, सांस्कृतिक मंडल कुमाऊं स्क्ïवायर, आरडब्ल्यू कुमाऊं, आरडब्लूए स्ïक्ïवायर वेस्ट विनोद नगर, पर्वतीय लोक कला मंच, यूथ4यूके, उत्तराखंड जन जागृति संघ, गढ़वाल धार्मिक एवं सांस्कृतिक मंडल, कुमाऊं सांस्कृतिक समिति, देवभूमि संस्कृत धार्मिक समिति, उत्तराखंड एकता संगठन, देवभूमि उत्तराखंड सांस्कृतिक मंडल, पर्वतीय कला केन्द्र, अल्मोड़ा भवन, सार्थक प्रयास, भुम्याल विकास मंच, उत्तरांचल सांस्कृतिक भ्रातृ समिति, मानव अधिकार एवं अपराध निमंत्रण संगठन।



व्यक्तिगत रूप से सहयोग के लिए सम्मानित किए गए समाजसेवी

कुछ प्रमुख समाजसेवियों को भी कोरोनाकाल में उनके द्वारा दिए गए विशेष सहयोग के लिए सम्मानित किया गया जिनमें श्री रणजीत गड़ाकोटी, प्रेमा धोनी, जगत सिंह बिष्ट, सुरेद्र हालसी, अनिल पानू, मोहन सिंह रावत, पीएन शर्मा, दिनेश दीवान नयाल, अजय रावत, संजय दरमोडा, बृजमोहन उपे्रती, डाक्टर विनोद विछेती, डाक्टर कुलदीप भंडारी, रवि नेगी, गीता रावत, हरेंद्र डोलिया, चंदन भैसोड़ा, अर्जुन राणा, उदय ममगई राठी, अनिल पंत, बीएन ढौडियाल, वी एन शर्मा, किशोर रावत, गिरीश कबडवाल, नारायण पपोला, जीएस अवाना, डाक्टर राजेश्वरी कापडी, सतीश कुमार, कश्मीरी लाल, शिवराज सिंह बिष्ट, लक्ष्य पांडे, संजय न्योली, दया सागर, पंडित मोहन लाल लसियाल।

सम्मान के असली हकदार कोरोना योद्धा- कुन्दन भैसोड़ा

इस अवसर पर म्यर पहाड़ उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष श्री कुन्दन भैसोड़ा ने कहा कि आज हमें गर्व है कि हमारी समिति उन लोगों का सम्मान कर रही है, जो सम्मान के असली हकदार हैं। हमारी समिति का विचार था कि समाज के लिए समर्पित इन लोगों को एक मंच पर सम्मानित किया जाए। आज हमारी समिति ऐसे लोगों को सम्मानित करके बहुत खुश है, जो लोगों के लिए खुशियां लाए। इन संस्थाओं और लोगों ने कोरोना महामारी में जिस साहस और धैर्य का परिचय देते हुए महामारी का सामना किया और जरूरतमंदों के लिए काम किया वह किसी से छुपा नहीं है। हमारी समिति के पदाधिकारियों ने भी आगे आकर असहाय और जरूरतमंद लोगों के लिए काम किया था। समिति द्वारा जरूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था कराने के साथ ही, दवा-पानी की भी व्यवस्था करवाई गई। वह वक्त बहुत खराब था। अधिकतर लोग कोरोना महामारी के चपेट थे, कई लोग बेरोजगार हो चुके थे। बीमार लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा था। गरीबों के पास खाने का सामान तक नहीं था। किसी के पास किराया देने के लिए पैसे न थे तो किसी के पास घर जाने के लिए पैसे न थे। तो ऐसे में सामाजिक संस्थाओं ने आगे आकर लोगों की पीड़ा देखी, सुनी और हर तरह से लोगों की मदद की। हताश, निराश लोगों को भरोसा दिलाया और उनकी हर तरह की समस्या का समाधान किया। आज ये सभी संस्थाएं उस सम्मान के हकदार हैं जिन्होंने दिन-रात एक करके अपनी परवाह किए बिना लोगों की परवाह की और लोगों को नया जीवन दिया।




एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ