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चुनावों से पूर्व प्रदेश में भू कानून विधेयक लाने के मुख्यमंत्री ने दिए संकेत


चुनावों से पूर्व प्रदेश में भू कानून विधेयक लाने के मुख्यमंत्री ने दिए

संकेत 

BHUKANOON: जैसे जैसे उत्तराखंड में चुनाव नज़दीक आ रहा है उत्तराखंड में भू कानून का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है । इसके खतरे को भांपते हुए उत्तराखंड सरकार द्वारा पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सख्त भू कानून लाने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है। संभावना जताई जा रही है कि नौ व दस दिसंबर को तय विधानसभा सत्र में सरकार इस पर विधेयक ला सकती है । मुख्यमंत्री धामी के द्वारा भू कानून को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्य अजेंद्र अजय ने यह संकेत दिए हैं। विगत सितंबर माह में नैनीताल के नयना देवी मंदिर में दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी विधानसभा चुनाव से पहले मजबूत भू कानून लाने के संकेत दिए थे ।

सोशल मीडिया पर चल रही मुहिम 

प्रदेश में बाहरी लोगों के द्वारा अतिक्रमण को देखते हुए राज्य में सख्त भू कानून को लेकर काफी लंबे समय से सोशल मीडिया के माध्यम से जनता द्वारा एक मुहिम चलाई जा रही है। रैबासी और प्रवासी उत्तराखंडी सख्त भू कानून की पैरवी कर रहे हैं। देहरादून, पौड़ी, श्रीनगर, ऋषिकेश हरिद्वार, कोटद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, नैनीताल, मसूरी के साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों, वन्य जीव विहार समेत फॉरेस्ट रिजर्व इलाकों में जमीन की बढ़ती खरीद फरोख्त ने इस मुहिम को हवा दी। पिछले कुछ महीनों से ठंडी पड़ी इस मुहिम ने चुनावों को देखते हुए एक बार फिर तेजी पकड़ ली है । देवस्थानम बोर्ड भंग करने के मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद अब भू कानून को लेकर आंदोलन कर रहे संगठन उत्साहित हैं। वह अभी नहीं तो कभी नहीं वाली रणनीति बना रहे हैं।

प्रदेश में भू कानून की मांग कर रहे तमाम आंदोलनकारी संगठन इस मामले को लेकर पूरे राज्य में एक हजार किलोमीटर की यात्रा निकालने की तैयारी कर रहे हैं। यात्रा का नेतृत्व कभी आम आदमी पार्टी के संस्थापक, अब मुखर विरोधी प्रभात कुमार कर रहे हैं। ये सभी संगठन त्रिवेंद्र राज में 2019 में संशोधन को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। भू कानून को लेकर बनाई कमेटी के सदस्य अजेंद्र अजय के अनुसार कमेटी की बैठक सात दिसंबर को होनी है। कमेटी पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में बनाई है।

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